
सूर्य के २१नामों का कल्याणमय स्तोत्र
जो सूर्य के उदय और अस्तकाल में दोनों संध्याओं के समय इस स्तोत्र के द्वारा भगवान सूर्य की स्तुति करता
जो सूर्य के उदय और अस्तकाल में दोनों संध्याओं के समय इस स्तोत्र के द्वारा भगवान सूर्य की स्तुति करता
सभी स्नेहीजनों कोपावनपर्व मकर संक्रांतिकी हार्दिक शुभकामनाएं ! उन त्योहार, पर्व या उत्सवों को मनाने का महत्व अधिक है जिनकी
।। चाक्षुषी विद्या ।। भगवान सूर्य प्राणियों की दृष्टि (देखने की) शक्ति के अधिष्ठातृ देवता हैं, इसलिए अच्छी नेत्रज्योति और
पहली बार होगा भगवान राम का सूर्य तिलकजय श्रीराम। शुभ दीपावली।बहुत बहुत वधाई।(दीपावली पर विशेष) – ये दीपावली इसलिए महत्वपूर्ण
पंचांग के अनुसार, हर एक दिन किसी न किसी देवी- देवता को समर्पित है। इसी तरह रविवार का दिन भगवान
जो भी साधक हर रोज उगते सूर्य के सामने बैठकर भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ अर्थ सहित करता
सूर्यदेव को जीवनी शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा से ही
ऋषि कश्यप की पत्नी अदिति से जन्मे पुत्रों को आदित्य कहा गया है। ये ही १२ आदित्य हैं- अंशुमान, अर्यमन,
उगते हुए सूर्य को जल देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है | बहुत से लोग आज भी
।। ॐ सूर्याय नमः ।। सूर्यदेव यानि कलयुग के एकमात्र दृश्यदेव, जिन्हें ग्रहों का राजा भी माना गया है। वहीं