
सहनशीलता अपनायें
केवल चाहने मात्र से जीवन कभी भी सम्मानीय एवं अनुकरणीय नहीं बन जाता है। सहनशीलता का गुण ही किसी जीवन
केवल चाहने मात्र से जीवन कभी भी सम्मानीय एवं अनुकरणीय नहीं बन जाता है। सहनशीलता का गुण ही किसी जीवन
कबीर के गुरु थे रामानंद। कबीर उनको नाचते देखते। तंबूरा बजता है, रामानंद नाचते हैं। कबीर उनके पास बैठते हैं।
राम और लक्ष्मण का दर्शन करते ही राजा जनक का मन प्रेम में मग्न हो गया। उन्होंने विवेक का आश्रय
मृत्यु सत्य है, इस सत्य को न मानना ही असत्य है। अर्थी उठते समय बोला जाता है कि राम नाम
जय श्री रामभक्त हनुमान हनुमानजी हर घर में भगवान रामजी का यश चाहते हैं, जब लंका में हनुमानजी जानकीजी के
जय जय जय बजरंगबली भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी के बारे में हम सब ने कई कथाएं
भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है- स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। ईश्वर
भक्ति, अपने इष्ट के प्रति ऐसा समर्पण भाव है, जो हमारे मन में यह विश्वास जगाता है कि उसकी शरण
रामनवमी के नौ राम, परमात्मा से राजा, पुत्र से पिता और पति तक भगवान राम के नौ रुप जो सिखाते
लक्ष्मण मुरछीत एक ही घटना से क्या हुआब्रह्म अस्त्र का सही उपयोग भगवान राम करते हैं लक्ष्मण को भगवान राम