
पुष्टि मार्ग मे गोपीजन का प्रेम
प्रभु वही पधारते है जहां शुद्ध प्रेम की धारा सदा बहेती हो…… ‘प्रीतम प्रीत ही ते पैये….. पुष्टि मार्ग मे

प्रभु वही पधारते है जहां शुद्ध प्रेम की धारा सदा बहेती हो…… ‘प्रीतम प्रीत ही ते पैये….. पुष्टि मार्ग मे

मैंने सुना है, अकबर ने तानसेन को एक बार कहा कि तुम्हारा संगीत अपूर्व है। मैं सोच भी नहीं सकता

“जब श्रीकृष्ण ने अपने कान्हा रूप को गोपियों से छुपा लिया और ‘नटवर गोपी’ बन गए अब एक अद्वितीय लीला
जब प्रेम सच्चा हो, तो भगवान स्वयं वस्त्र पहनने आते हैं। त्रिपुरदास जी ब्रजभूमि के शेरगढ़ में एक राजा के

एक व्यक्ति था जो नियमित मंदिर जाता था परंतु एकांत मे तो चुपचाप रहता कोई भजन कीर्तन ना करता और

जब नन्हा कान्हा बोल उठा.. मां मैं ही श्री राम था। बालक कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि

महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम

परिस्थिति कैसी भी हो पर जीवन में प्रभु के ऊपर अपने विश्वास को सदैव बनाए रखें ।। जीवन की समस्याएं

हे परमात्मा राम मेरे सब कुछ तुम ही हो तुम से ही ये जीवन ज्योति है तुम से ही आनंद

जो निरन्तर जिस बात का चिन्तन करेगा, उसको उसकी स्मृति अन्तकाल में होगी ही, यह नियम है। जो भगवान् का