नन्द भवन में बाबा मेरो मो जर गयो
ब्रजरानी यशोदा भोजन कराते-कराते थोड़ी सी छुंकि हुई मिर्च लेकर आ गई क्योंकि नन्द बाबा को बड़ी प्रिय थी।
ब्रजरानी यशोदा भोजन कराते-कराते थोड़ी सी छुंकि हुई मिर्च लेकर आ गई क्योंकि नन्द बाबा को बड़ी प्रिय थी।
कान्हा नामका एक भंगी था | वह नाली साफ करनेका काम किया करता था | वह भगवान् श्रीकृष्णसे बहुत प्रेम
भगवान हनुमान की तस्वीरों से जुड़ी बातें जिनके बारे में यकीनन हर कोई नहीं जानता है लेकिन अब आप अपनी
प्रेम से वंचित व्यक्ति अस्तित्व के केंद्र से पृथक होकर अकेला जीता है। प्रेम के बिना हर कोई अकेला इकाई
तानसेन बड़े संगीतज्ञ थे। अकबर के सामने एक बार उन्होंने ‘मल्हार’ राग गाया। अकबर उसे सुनकर विह्वल हो गया। अकबर
।। ॐ नमो नारायणाय ।। बड़ा कठिन है परमात्मा को सर्वत्र देखना। अपने ही भीतर नहीं देख सकते, तो बाहर
व्रज रज उड़ती देख कर मत कोई करजो ओट, व्रज रज उड़े मस्तक लगे गिरे पाप की पोत। जिन देवताओ
आज ललिता जू प्रिया जू का श्रृंगार कर रही हैं जब श्रृंगार पूर्ण हो गया तो प्रिया जू को दर्पण
भक्त तुलसीदास जी का अध्ययन काफी गंभीर एवं व्यापक था। अपने ग्रंथ श्री रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने भगवत् गीता
भगवत्कृपा का फल धन नहीं है। धन तो प्रारब्ध से मिलता है। प्रभु का श्री मुख वाक्य है कि मैं