सार्थक गायन
तानसेन बड़े संगीतज्ञ थे। अकबर के सामने एक बार उन्होंने ‘मल्हार’ राग गाया। अकबर उसे सुनकर विह्वल हो गया। अकबर
तानसेन बड़े संगीतज्ञ थे। अकबर के सामने एक बार उन्होंने ‘मल्हार’ राग गाया। अकबर उसे सुनकर विह्वल हो गया। अकबर
।। ॐ नमो नारायणाय ।। बड़ा कठिन है परमात्मा को सर्वत्र देखना। अपने ही भीतर नहीं देख सकते, तो बाहर
व्रज रज उड़ती देख कर मत कोई करजो ओट, व्रज रज उड़े मस्तक लगे गिरे पाप की पोत। जिन देवताओ
आज ललिता जू प्रिया जू का श्रृंगार कर रही हैं जब श्रृंगार पूर्ण हो गया तो प्रिया जू को दर्पण
भक्त तुलसीदास जी का अध्ययन काफी गंभीर एवं व्यापक था। अपने ग्रंथ श्री रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने भगवत् गीता
भगवत्कृपा का फल धन नहीं है। धन तो प्रारब्ध से मिलता है। प्रभु का श्री मुख वाक्य है कि मैं
भक्ति मार्ग में प्रमुख है संयम, शास्त्र, संतो व गुरु के वचनों एवं भगवान श्रीहरि में विश्वास और सेवा। तुलसीदास
रस राज श्री कृष्ण आनन्दरूपी चंद्रमा हैं और श्री प्रिया जू उनका प्रकाश है। श्री कृष्ण जी लक्ष्मी को मोहित
भगवान ने क्यों धारण किए हैं विभिन्न रूप ?परब्रह्म परमात्मा की इस सृष्टि प्रपंच में विभिन्न स्वभाव के प्राणियों का
ॐ नमः शिवायः एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने किसानों से किसी कारण से नाराज होकर