
अहिंसा परमों धर्मः धर्म हिंसा तथैव च
अहिंसा परमों धर्मः धर्म हिंसा तथैव चएक सच जो हिन्दू समाज से सोची समझी शाजिश से नहीं बताया जा रहा
अहिंसा परमों धर्मः धर्म हिंसा तथैव चएक सच जो हिन्दू समाज से सोची समझी शाजिश से नहीं बताया जा रहा
युग’ शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल-अवधि। जैसे सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग आदि। आज
परम पूज्य श्री सद्गुरूदेव भगवान जी की असीम कृपा एवं अमोघ आशीर्वाद से प्राप्त सुबोध के आधार पर, उन्हीं की
परम पूज्य श्री सद्गुरूदेव भगवान जी की असीम कृपा एवं उनके अमोघ आशीर्वाद से प्राप्त सुबोध के आधार पर, उन्हीं
* परम पूज्य श्री सद्गुरुदेव भगवान जी की असीम कृपा एवं अमोघ आशीर्वाद से प्राप्त सुबोध के आधार पर, उन्हीं
परम पूज्य श्रीसदगुरूदेव भगवान जी की असीम कृपा एवं उनके अमोघ आशीर्वाद से प्राप्त सुबोध के आधार पर, उन्हीं की
🌞 ~ ~ 🌞 🌤️ दिनांक – 07 अप्रैल 2023🌤️ दिन -शुक्रवार🌤️ विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)🌤️ शक
🙏’ॐ रामचंद्राय नम:’🙏 हिंदू धर्म को सर्वोच्च रखने वाली भारत की भूमि हमेशा से ही एक पवित्र भूमि रही है,
भारतीय संस्कृति में अवतारवाद का विशेष महत्व है, यद्यपि विश्व की अन्य संस्कृतियाँ पीर-पैगम्बर एवं ईश्वर की संतान आदि के
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्!! शीतला सप्तमी, शीतला सातम शीतला अष्टमीराधा पुआ कई नाम से जाना जाता है।यह पर्व। शीतला अष्टमी हिन्दुओं