
।। नवकार मंत्र ।।
णमो अरिहंताणं- मैं अरिहंतों को नमन करता हूँ। णमो सिद्धाणं- मैं सिद्धों को नमन करता हूँ। णमो आयरियाणं- मैं आचार्यो
णमो अरिहंताणं- मैं अरिहंतों को नमन करता हूँ। णमो सिद्धाणं- मैं सिद्धों को नमन करता हूँ। णमो आयरियाणं- मैं आचार्यो
शिव का एक भीषण शूल जिसे अर्जुन ने तपस्या करके प्राप्त किया था। महाभारत का युद्ध हुआ, उसमें भगवान् शंकर
।। नमो राघवाय ।। र’, ‘अ’ और ‘म’, इन तीनों अक्षरों के योग से ‘राम’ मंत्र बनता है। यही राम
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे कई लोगों का यह
रा + धा=राधा‘रा’ से बीज मन्त्र ‘धा’ से धारणा की होती सिद्धि, और होती शुकदेव की समाधि अनायास है।मेरी रसना
।। शिवनमस्कार ।। ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतये अंबिकापतये उमापतये पशूपतये नमो नमः।।१।। नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः
श्रील रूप गोस्वामी जी ने अपने पदावली में लिखा है कि“जब कोई जीव “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे
रामायण की चोपाई के माध्यम से कुछ जीवन के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र दिए जा रहे है जिनके जाप से सत्-प्रतिशत
किसी भी प्रकार की मशीन हो मशीन को चलाते रहेगें तब वह कार्य करती है। मशीन को कुछ समय नहीं
गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है। इस महामंत्र में कुछ ऐसी विलक्षण शक्ति है कि उपासना करने वाले के मस्तिष्क और