
कुसङ्गका दुष्परिणाम
रोमका एक चित्रकार ऐसे व्यक्तिका चित्र बनाना चाहता था जिसके मुखसे भोलेपन, सरलता और दीनताके भाव स्पष्ट प्रकट होते हों।

रोमका एक चित्रकार ऐसे व्यक्तिका चित्र बनाना चाहता था जिसके मुखसे भोलेपन, सरलता और दीनताके भाव स्पष्ट प्रकट होते हों।

स्वामी रामतीर्थ जापानसे अमेरिका जा रहे थे। प्रशान्त महासागरका वक्ष विदीर्ण करता हुआ उनका जहाज सान फ्रांसिसकोके एक बंदरगाहपर आ

कलौंजके आचारच्युत एवं जातिच्युत ब्राह्मण अजामिलने कुलटा दासीको पत्नी बना लिया था। न्याय अन्यायसे जैसे भी धन मिले, वैसे प्राप्त

एक बार देवासुर संग्राम हुआ। उसमें भगवान्की कृपासे देवताओंको विजय मिली। परमेश्वर तथा शास्त्रकी मर्यादा भङ्ग करनेवाले असुर हार गये।

अपने अध्ययनके दिनोंमें नेपोलियनको एक बार अक्लोनी नामक स्थानमें एक नाईके घर रहना पड़ा था। नेपोलियन बहुत सुन्दर युवक थे

रोगी कौन नहीं है ? जीवनकी साधना सफल होनेके लिये सबसे पहली बात शरीरकी तन्दुरुस्ती है। तन्दुरुस्त शरीर ही साधना

‘का भाषा का संस्कृत’ केरलमें ‘पूंतानम नंपूतिरि’ नामक एक महान् सन्त कवि हो गये हैं। एक दिन वे अपनी एक

लगभग सोलह सौ साल पहलेकी बात है। चीन देशके चांगनान राज्यमें इतिहासप्रसिद्ध फाहियानने जन्म लिया था; उसका बचपनका नाम कुंग

बादशाह संतके पास उपदेश लेने पहुँचे थे। संतने पूछा- ‘तू रेगिस्तानमें भटक जाय, प्यासके मारे मर रहा हो और उस

कानपुरमें एक दिन आप अपनी मौजमें गङ्गामें लेटे है थे। थोड़ी दूरपर एक मगरमच्छ निकला। किनारे है बड़े श्रीप्यारेलालने चिल्लाकर