सेवा-कुञ्जमें दर्शन
वृन्दावनमें सेवाकुञ्ज नामक एक स्थान है। यह प्रचलित है कि रातको वहाँ दिव्य रास होता है। इसीलिये रातको वहाँ कोई
वृन्दावनमें सेवाकुञ्ज नामक एक स्थान है। यह प्रचलित है कि रातको वहाँ दिव्य रास होता है। इसीलिये रातको वहाँ कोई
एक संतके पास तीन मनुष्य शिष्य बननेके लिये गये। संतने उनसे पूछा- ‘बताओ, आँख और कान में कितना अन्तर है?’
राजगृह नगरमें रौहिणेय नामका एक चोर रहता था। उसके पिताने मरते समय उसे आदेश दिया था “यदि तुम्हें अपने व्यवसाय
एक समयकी घटना है। महात्मा विजयकृष्ण गोस्वामी अध्यात्मका प्रचार कर रहे थे; दैवयोगसे वे लाहौर जा पहुँचे। एक धर्मशालामें ठहरे
(6) निन्दा और प्रशंसाका नतीजा जैन सन्त उमास्वामीके पास एक व्यक्ति बड़ी जिज्ञासाके साथ पहुँचा। तब सन्तजी किसी ग्रन्थकी रचनायें
एक नवशिक्षित शहरी बाबू नदीमें नावपर जा रहे थे। उन्होंने आकाशकी ओर ताककर केवटसे कहा – ‘भैया! तुम नक्षत्रविद्या जानते
केवल लक्ष्यपर ध्यान लगाओ एक बार स्वामी विवेकानन्द अमेरिकामें भ्रमण कर रहे थे। अचानक एक जगहसे गुजरते हुए उन्होंने पुलपर
आर्ष-साहित्यकी बोधकथाएँ ऋग्वेदकी मार्मिक बोधकथाएँ [ऋग्वेद विश्वसाहित्यका सबसे श्रेष्ठ तथा प्राचीनतम ग्रन्थ है। यह भारतीय सनातन संस्कृति तथा परम्पराका मूलस्रोत
सत्य- पालनसे राज्य-प्राप्ति हंगरीके राजा मत्थियसका एक गड़रिया था। वह सत्यको परमेश्वर मानकर आदर करता था। उसने प्रण कर लिया
(10) जरूरतमन्दोंकी सेवा एक हकीम गुरु गोविन्दसिंहजीके दर्शन करने आनन्दपुर गया। जब वह उनसे मिलकर वापस लौटने लगा तो गुरुजीने