
पड़ोसी कौन
एक बार कोई वकील ईसामसीहके पास आया और कहने लगा-‘ प्रभो। मुझे अमरत्व प्राप्तिके लिये क्या करना होगा ?’ ईसाने

एक बार कोई वकील ईसामसीहके पास आया और कहने लगा-‘ प्रभो। मुझे अमरत्व प्राप्तिके लिये क्या करना होगा ?’ ईसाने

एक बार भगवान् श्रीकृष्ण हस्तिनापुरके दुर्योधनके। यज्ञसे निवृत्त होकर द्वारका लौटे थे। यदुकुलकी लक्ष्मी उस समय ऐन्द्री लक्ष्मीको भी मात

द्रुपदकथाके निहितार्थ पांचाल देशके राजकुमार द्रुपद और द्रोणने ऋषि भरद्वाजके आश्रममें रहते हुए एक साथ अस्त्र-शस्त्रोंके संचालनकी विद्या सीखी। पिताको

सम्राट् नेपोलियन युद्धमें पराजित हो गये थे। अंग्रेजोंने उन्हें बंदी बना लिया था। एक अंग्रेजी जहाजसे वे सेंट हेलेना द्वीप

एक बार महाराज जनकने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। उसमें उन्होंने एक बार एक सहस्र सोनेसे मढ़े हुए सींगोंवाली बढ़िया

कोई भी कार्य घटिया ढंगसे मत करना भारतके लब्धप्रतिष्ठ अभियन्ता और समाजसेवी श्रीविश्वेश्वरैयाने अपनी पुस्तक ‘मेरे कामकाजी जीवनके संस्मरण’ में

दान, दया और दमन एक समय देवता, मनुष्य और असुर पितामह प्रजापति ब्रह्माजीके पास शिष्यभावसे विद्या सीखने गये एवं नियमपूर्वक

ह्वाइटहेवनमें वेलिंगटन नामक एक कोयलेकी खान थी। उसके निकट ही दो-तीन झोंपड़ियाँ थीं। एक झोंपड़ीमें अपनी माँ और दो बहिनोंके

‘हारिये न हिम्मत’ पंजाब केसरी महाराजा रणजीतसिंहको जब गुप्तचरोंसे समाचार मिला कि कबाइलियोंका दल राज्यकी सीमामें प्रवेश कर गया है

कौन कबतक साथ देगा ? एक आदमीके तीन दोस्त थे। जब वह आदमी मरने लगा तो तीनों दोस्त उसके पास