
हम सीख सकते हैं
हम सीख सकते हैं चीनके वे पतले और दुर्गम मार्ग अपनी भयंकरताके लिये प्रसिद्ध हैं। एक ओर मीलों नीचा खड्डा
हम सीख सकते हैं चीनके वे पतले और दुर्गम मार्ग अपनी भयंकरताके लिये प्रसिद्ध हैं। एक ओर मीलों नीचा खड्डा
एक बार इन्द्रने बड़ी कठिनतासे राजा यतिको ह निकाला। उस समय वे छिपकर किसी खाली घरमें गदहेके रूपमें कालक्षेप कर
एक रातकी बात है। एक चोर किसी घरमें सेंध लगा रहा था। घरके मालिकने एक कुत्ता पाल रखा था। चोरको
अरुणोदयका समय था। चन्द्रावती अपनी हवेलीसे बाहर निकली, उसके कटिदेशमें मिट्टीका नवीन कलश ऐसा लगता था मानो भगवान् मोहिनीने अमृत
एक ब्राह्मणके दो पुत्र थे। दोनोंके विधिपूर्वक यज्ञोपवीतादि सभी संस्कार हुए थे। उनमें ब्राह्मणका बड़ा पुत्र तो यज्ञोपवीत संस्कारके पश्चात्
‘अबे ए जोगड़े! खबरदार, मेरी धोतीको छुआ तो ! जरा हटकर जा, मैंने यह धोती पूजाके लिये सुखायी है!’-दस वर्षके
लंबी लाठी कंधेपर रखे, कमरमें तलवार बाँधे • फतहसिंह अपनी स्त्री राजूलाको ससुरालसे विदा कराके | घर जा रहा था।
बिगानी छाछपर मूँछें एक समयकी बात है। एक किसान किसी दूरके गाँवमें भैंस खरीदनेके लिये गया। उस समय गाँवोंमें न
प्रार्थना ‘आत्माका भोजन’ प्रार्थना-सभाके बाद एक वकीलने महात्मा गाँधीसे ‘आप प्रार्थनामें जितना समय व्यतीत करते हैं, पूछा, अगर उतना ही