भक्तका स्वभाव
प्रह्लादने गुरुओंकी बात मानकर हरिनामको न छोड़ा, तब उन्होंने गुस्सेमें भरकर अग्रिशिखाके समान प्रज्वलित शरीरवाली कृत्याको उत्पन्न किया। उसअत्यन्त भयंकर
प्रह्लादने गुरुओंकी बात मानकर हरिनामको न छोड़ा, तब उन्होंने गुस्सेमें भरकर अग्रिशिखाके समान प्रज्वलित शरीरवाली कृत्याको उत्पन्न किया। उसअत्यन्त भयंकर
भगवान् बुद्ध किसी जन्ममें भैंसेकी योनिमें थे। जंगली भैंसा होनेपर भी बोधिसत्त्व अत्यन्त शान्त थे उनके सीधेपनका लाभ उठाकर एक
एक बार भक्त चतुर्भुजदासजी अपने गुरुके साथ | ; कहीं तीर्थयात्रा करने जा रहे थे। पर उनका मन जानेका नहीं
ईमानदारीकी कमाई सन्त अबू अली शफीक रोजाना कुछ देर मजदूरी करते और उससे अपने भोजनकी व्यवस्था करते। एक धनवान् व्यक्ति
जिन दिनों महाराज युधिष्ठिरके अश्वमेध यज्ञका उपक्रम चल रहा था, उन्हीं दिनों रत्नपुराधीश्वर महाराज मयूरध्वजका भी अश्वमेधीय अश्व छूटा था,
लिंकनकी विनम्रता बात की है, जब अब्राहम लिंकन अमेरिकाके राष्ट्रपति नहीं बने थे, किंतु अच्छे नेताके रूपमें प्रसिद्ध हो चुके
विडालव्रतवालोंसे सावधान रहना चाहिये एक बार एक बिलाव शक्तिहीन ही जानेके कारण गंगाजीके तटपर हाथ उठाकर खड़ा हो गया और
प्रतिष्ठानपुर-नरेश सातवाहन आखेटको निकले और सैनिकोंसे पृथक् होकर वनमें भटक गये। वनमें भटकते भूखे-प्यासे राजा सातवाहन एक भीलकी झोपड़ीपर पहुँच
दशार्ण देशमें एक राजा रहता था वज्रबाहु वज्रबाहुकी पत्नी सुमति अपने नवजात शिशुके साथ किसी असाध्य रोगसे ग्रस्त हो गयी।
संत इब्राहीम खवास किसी पर्वतपर जा रहे थे। पर्वतपर अनारके वृक्ष थे और उनमें फल लगे थे। इब्राहीमकी इच्छा अनार