करमैतीबाई
नश्वर पति रति त्यागि कृष्णपदसों रति जोरी।सबै जगतकी फाँस तरकि तिनुका ज्यों तोरी॥निर्मल कुल काँथड़ा धन्य परसा जेहि जाई।करि वृन्दावन-वास
नश्वर पति रति त्यागि कृष्णपदसों रति जोरी।सबै जगतकी फाँस तरकि तिनुका ज्यों तोरी॥निर्मल कुल काँथड़ा धन्य परसा जेहि जाई।करि वृन्दावन-वास

नानक एक मुसलमान नवाब के घर मेहमान थे। नानक को क्या हिंदू क्या मुसलमान! जो ज्ञानी है, उसके लिए कोई

एक सदाचारिणी ब्राह्मणी थी, उसका नाम था जबाला। उसका एक पुत्र था सत्यकाम। जब वह विद्याध्ययन करने योग्य

एक पुरानी कहानीं घणी गई थोड़ी रही, या में पल पल जाय।एक पलक के कारणे, युं ना कलंक लगाय।एक राजा
श्री राधा श्री राधा श्री राधा कश्मीर में तर्क रत्न, न्याय आचार्य पंडित रहते थे। उन्होंने चार पुस्तकों की रचना

यह कहानी महाभारत के वनवास काल से जुड़ी है। इसमें बताया गया है कि एक दिन भोजन का समय हो

एक फकीर नानक के पास आया और उसने कहा कि मैंने सुना है कि तुम चाहो तो क्षण में मुझे

स्मिता… लॉकर्स की चाबी कहां है?” भावेश ने सख्त लहजे में पूछा। स्मिता बोली, आज अचानक आपको लॉकर्स की चाबी

बहुत समय पहले की बात है। पुरी से बहुत दूर एक गांव में विदुर नाम का एक गरीब किसान रहता

एक दिन एक प्रकांड ज्योतिषी जंगल से गुजरते हुए कच्ची मिट्टी पर पड़े पैरों के निशान देखकर चौंक गया। ऐसे