
जगन्नाथ जी के विशाल नेत्र
भगवान जगन्नाथ के नेत्र क्यों इतने विशाल हैं? क्यों वे कभी नहीं झपकते?पढ़िए, यह दुर्लभ कथा जब एक टूटा हुआ
भगवान जगन्नाथ के नेत्र क्यों इतने विशाल हैं? क्यों वे कभी नहीं झपकते?पढ़िए, यह दुर्लभ कथा जब एक टूटा हुआ
।। भगवान जगन्नाथ ।। भगवान जगन्नाथ साक्षात् श्रीकृष्ण हैं, सबकुछ बदलने के बाद भी ईश्वर जो सतयुग, त्रेता और द्वापर
बहुत समय पहले की बात है।हिमालय की एक चोटी पर, घने बादलों और रहस्यमय धुंध के बीच एक गुप्त गुफा
कीचड़ में होते हुए भी कमल कैसे खिला हुआ रहता है “वैरागी जीवन” आप कैसे वैरागी ? चक्रवती भरत के
एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं। जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा
जब युधिष्ठिर अपनी माता और भाइयों को साथ लिए वनवास कर रहे थे, तब उन्हें देखने के लिए श्री कृष्ण
गीता में लिखा है-भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, “मैं समय हूँ, कालोस्मि” अर्थात् यदि आप समय का सही उपयोग नहीं
एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन
एक बार की बात है, एक परिवार में पति पत्नी एवं बहू बेटा याने चार प्राणी रहते थे। समय आराम