नव संवत्सर–गुड़ी पड़वा चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा
. नव संवत्सर–गुड़ी पड़वा चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता
. नव संवत्सर–गुड़ी पड़वा चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्!! शीतला सप्तमी, शीतला सातम शीतला अष्टमीराधा पुआ कई नाम से जाना जाता है।यह पर्व। शीतला अष्टमी हिन्दुओं
विशेष – आज की पंचमी को रंग-पंचमी कहा जाता है. उत्तर भारत में विशेषकर मध्य-प्रदेश, राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में
बड़े भाग्य से होली आई।इसने सबकी सोई मस्ती जगाई।।धरती सज-धज मुस्काई।फ़सल लहर-लहर लहराई।।फिर क्यों न सब मिलकर।हर्षित हो नाचो ख़ुशी
यह संसार रंगभरा है। प्रकृति की तरह ही रंगों का प्रभाव हमारी भावनाओं और संवेदनाओं पर पडता है। जैसे क्रोध
हमारे देश में बहुत त्योहार मनाये जाते हैं । उन त्योहारों में से एक रंगपंचमी का त्योहार है । हमारे
एक समय कैलाश पर्वत पर तप साधना में लीन भगवान् शिव का ध्यान अचानक से भंग हो आया। उनके मन
ब्रज में बसंत पंचमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक 40 दिवसीय होली मनाई जाती है, इसलिये कहा भी गया है सारे
जय गौर हरि होरी आई होरी आई होरी आई रसिया।होरी रे होरी रे रंग होरी रे। हाथ पिचकारी अरु संग
🌹 आज का सत्संग 🌹 🌹 होली का त्योहार यूँ तो पूरे संसार में दो दिन तक मनाया जाता है,