माँ सरस्वती प्राकट्योत्सव बसंत पंचमी पर्व
आज बसंत पंचमी पर्व है। इस दिन बसंत ऋतु का प्रारंभ होता हैं बसंत को ऋतु राज माना जाता है।
आज बसंत पंचमी पर्व है। इस दिन बसंत ऋतु का प्रारंभ होता हैं बसंत को ऋतु राज माना जाता है।
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ।। बसंत पंचमी महत्व- मान्यता
बधाई पद राग मालकौंस सघन वन छायो प्रफुल्लित द्रुमवेलि भयो हुलास ब्रजजनमन ‖ठोर ठोर कोकिल कल कूजत करत गुंजार मधुप
लय-स्वर पर नाचे मन मेराअन्दर का कर दूर अंधेराआये अनुपम सुखद सवेरा माता सरस्वती, माता सरस्वती, वीणा के सब तार
वसंत पंचमी-मदन पंचमी:माघ शुक्ल पंचमी: वसंत ऋतुका मॉस फाल्गुन और चैत्र है किन्तु पुष्टिमार्गमें वसंत पंचमीसे वसंतोत्सवका प्रारम्भ होता है
श्री गोविंद देव जू प्राकट्य उत्सव विशेष श्री कृष्ण एक ग्वाल बालक के रूप में गए तथा रूप गोस्वामी से
गणेश जयंती के पर्व को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पर्व को लोग माघी गणपति, माघ
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
सभी स्नेहीजनों कोपावनपर्व मकर संक्रांतिकी हार्दिक शुभकामनाएं ! उन त्योहार, पर्व या उत्सवों को मनाने का महत्व अधिक है जिनकी
नए साल शुरु की शुरुआत के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है। साल के पहले महीने में लोहड़ी