🍁ॐ shree sadgurudebay namah ॐ
जिस प्रकार दुध मे घी छुपा होता हे पर दिखायी नही देता
ठीक उसी प्रकार इन्सान मे भी भगवान का अंश यानी आत्मा
यानी रुह होती हे पर दिखायी नही देती !
जिस प्रकार विधी वत प्रयास करके दुध मे घी देखा जा सकता हे
वल्कि दुध से निकाला भी जा सकता हे ….
1….दुध को गर्म करके ठन्ड़ा करके उसमे दही की कुछ मात्रा ड़ालकर
उसे रात को रख दो तो वो दही वनजायेगी !
२…. दही को रई द्धारा मथते रहो कुछ समय वाद मक्खन ऊपर आजायेगा
ओर उसे अलग निकाल लो
३…. मक्खन को अाग पर गर्म करलो तो वो पिघलना शुरु
हो जायेगा वाद मे पकने पर छान लो वही घी कहलायेगा !!
1…ठीक इसी प्रकार हम जव भजन के भगवान के वारे मे नही जानते
तो हम दुध समान हे ! जेसे दुध मे घी हे पर पता नही ऐसे ही हम मे
प्रभु का अंश हे हम मे पर पता नही ऐसे मनुस्य को शुद्र समझा गया
ऐसे मनुस्य प्रभु का नाम ओम हर स्वॉस पर जपने लगे प्रयास करे
तो इस विधी को वैखरी कहते हे !यह प्रथम सीड़ी हे ! प्रभु मार्ग की !
2…ओम का जाप करते करते जो जीव अन्दर ही अन्दर मन ही मन मे
ॐ नाम जपने लगे होठ ना हिले प्रभु मे मन लगने लगे तो ऐसी
स्थति के जीव को क्षत्रीय कहते हे तथा इस स्थति की क्रिया को
करने वालेजीव मध्यमा क्रिया कहलाते हे !
३….ॐ का नाम जपते जपते जव नाम ना ले जीव मुह वंद रहे यह
स्थति अपने आप आती हे प्रयास करते करते इस स्थति मे साधक
देखता हे ॐ नाम चल रहा हे पर मे ॐ नाम नही ले रहा पर वो महसुस
करता हे इस प्रकार के साधक को वेश्य कहते हे इस क्रिया को पश्यन्ति
कहते हे !
४…ॐ का नाम जपते जपते पश्यन्ति की स्थति मे वेठे वेठे अभ्यास करते
करते शरीर सुन्न हो जाता हे यानी साधक की समाधी लग गयी
ऐसे साधक को व्राहमण कहते हे इस क्रिया को परा कहते हे !
इस स्थति का वर्णन नही किया जाता यह महसुस किया जाता हे
महनत करके यही आत्म दर्शन व प्रभु मिलन हो जाता हे !
यही पता लगता हे कि हमारे अन्दर भी प्रभु अंश हे !
आज गुरु पुर्णिमा पर मेने ये पोस्ट इसलिये ड़ाली की गुरुजी
ने मेरा जीवन वदल दिया ! आज मे जो कुछ भी हु इन गुरुजी
की वजह से हु मेरा गुरुजी के चरणो मे कोटि कोटि प्रणाम !!
🍁 ‘om shree sadgurudebay namah ‘om Just as ghee is hidden in milk but is not visible In the same way, the part of God in human means soul. Means the soul is there but it is not visible! Just as ghee can be seen in milk by proper effort But it can also be extracted from milk. 1….After heating the milk, cool it and adding some amount of curd to it. If you keep it at night, it will turn into curd. 2…. Keep churning the curd with mustard seeds, for some time the butter will come to the top. and take it apart 3…. When butter is heated on fire, it starts melting Sieve it after cooking in the case, it will be called ghee!! 1…just like this we do not know about the God of Jav Bhajan So we are like milk! Like there is ghee in milk but we do not know, so is we God’s part is in us, but I don’t know, such a man was considered as Shudra. Such a person should try to chant the name of the Lord Om on every breath. So this method is called Vaikhari! This is the first step! Lord of the way! 2… While chanting Om, the living being inside, inside, in the mind If the lips do not move while chanting the name of God, then it is like this The living being of the state is called Kshatriya and the action of this state Those who do it are called Madhyama Kriya! 3….while chanting the name of Om, when the soul does not take the name, the mouth remains closed. The state comes automatically, the seeker in this state makes efforts. I see that the name Om is going on, but I am not taking the name Om, but I feel it. does this type of seeker is called veshya It is said ! 4… While chanting the name of Om, in the state of pashyanti, they practice While doing this, the body becomes numb, that means the seeker’s samadhi has taken place. Such a seeker is called Brahmin, this action is called Para! This state is not described it is felt By working hard, this is the vision of the self and the meeting with the Lord! It seems to know that there is a part of GOD within us too! Today on Guru Purnima, I have posted this because of Guruji. changed my life! Whatever I am today in Guruji Because of this, I bow down at the feet of my Guruji!!