भक्ति मार्ग (Bhakti Marg)

कृष्ण तुम ईश्वर हो

भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले,” पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव … ?उनका ध्यान रखना ,

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प्रेम काव्य है।

खाली हाथ आये थे और खाली हाथ जाएंगे, इसलिए इस प्रेमपूर्ण संसार में प्रेम किये जा वन्दे, यही साथ जायेगा।

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समर्पण भक्ति

भगवान की भक्ति हो या अध्यात्म में मोक्ष पाना हो, ये सब कुछ एक ही भाव पर पूर्ण हो सकता

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नाम- जप साधना

भगवान के नामों का जप मनुष्य की बुद्धि को पवित्र और निर्मल करने वाला है। श्रीमद्भगवद्गीता (१० / २५) में

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भगवन नाम उच्चारण- धर्म, अर्थ और काम और मोक्ष का साधन

भगवान् का केवल नाम ‘राम-राम’, ‘कृष्ण-कृष्ण’, ‘हरि-हरि’, ‘नारायण-नारायण’, अन्तःकरण की शुद्धि के लिये, पापों की निवृत्ति के लिये पर्याप्त है।

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