मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में। गीत बन जाऊं
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में। गीत बन जाऊं
सारे मोहल्ले में ये हल्ला हो गया, मैया यशोदा के लल्ला हो गया। श्यामल रूप नैन कजरारे, बाल हैं इनके
आनंद छाय रहे बरसाने,नित नित होवे मंगलचार।।ब्रजभूमि सब जग तें न्यारी, जन्म लियो जहां राधा प्यारी।अष्टसिद्ध शतकोट बसें जहां,वेद न
कभी नर सिंह बन कर, पेट हिरणाकुश को फाड़े,कभी अवतार लेकर, राम का रावण को संहारे कभी श्री श्याम बन
बांसुरी बजाय तुम व्रज बस कीन्हों।तोहि बस करिबे को बांसुरी बजाइहौं।। भगवान ने देखा, मुरली नहीं है। समझ गये श्री
Sri krishna janmaashtami kiHardik badhai.Sri radhey jiप्रेम का सागर लिखूं!या चेतना का चिंतन लिखूं!प्रीति की गागर लिखूं,या आत्मा का मंथन
कंचन पिचकारी लाई , सावरिया सरकारहोली खेलन को गए , राधा जी के द्वारधूम मचाने रंग बरसाने , आये तेरे
जरा सिर को झुकाओ वासुदेव जी,तेरे सिर पे त्रिलौकी नाथ हैं, छुंऊ इनके चरण बङे प्रेम से, आज यमुना की
ब्रज में है रही जय जयकार,नंद घर लाला जायो है।लाला जायो है जसोदा ने लाला जायो हैब्रज में है रही
आयो श्याम , सखियों ने गाए मल्हार रसिया, बलिहार रसिया दिलदार रसिया, तेरे झूले पे जाऊं बलिहार रसिया 2) मोर