शिव तत्व

श्रावण मास में भगवान शिव को नमन करते हुए उनकी छटा के दर्शन करें। शिवजी का वाहन नंदी है, वृषभ है। वृषभ को धर्म का स्वरूप कहा जाता है अर्थात् शिवजी धर्म की सवारी करते हैं। जीवन की सात्विक प्रगति के लिए हमारे जीवन में धर्म की बहुत बड़ी आवश्यकता है।

पशु तब तक ही सही दिशा में चलता है जब तक लगाम उसके ऊपर होती है, लगाम हटी कि वह दिग्भ्रमित हो जाता है। पशु को लगाम और मनुष्य को धर्म नियंत्रित करता है।

जीवन अगर एक ऊर्जा है तो धर्म जीवन रुपी ऊर्जा की लगाम है। इस ऊर्जा का कब, कैसे, किसके लिए और कहाँ उपयोग करना है, यह धर्म ही हमें बताता है।

ज्ञानी व्यक्ति अनासक्त भाव से कर्म करने के कारण कर्म के बन्धन में नहीं फँसता। भगवान भोलेनाथ का जीवन हमें बताता है कि जो भी करो, धर्म का अवलंबन लेकर ही करो, जिससे हमको कर्मबंधनों से भी मुक्ति मिल सके॥ शुभ श्रावण मास ॥

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *