अध्यात्मवाद (Adhyatmvad)

radha4 2390997  480

भोरी सखी का नाम प्रेम

नाम-स्वाँस दोउ विलग चलत हैं, इनकौ भेद न मोकौं भावै॥स्वाँसहि नाम नाम ही स्वाँसा, नाम स्वाँस कौ भेद मिटावै।बाहिर कछु

Read More...
IMG 20220821 WA0012

रोम रोम में राम

भक्त भगवान को भजते हुए, भक्त भगवान राम में समा जाना चाहता है।भक्त राम राम राम भजता रहता है। भक्त

Read More...
IMG 20220821 WA0012 1

भगवान को भजते हुए

हम भगवान का सिमरण  निस्वार्थ भाव से करें भगवान मेरे है देखो भगवान मुझे देख रहे हैं जब तक हम

Read More...
images 35 1

अंजुलि भर मोती

पृथ्वी पर तीन ही “रत्न” हैं। “जल”, “अन्न” और “सुभाषित” (मीठी बोली)। मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों, हीरे, मोती, माणिक्य

Read More...
download 23 1

आदिगुरु शंकराचार्य

आदिगुरु शंकराचार्य का जन्‍म केरल के कालड़ी गांव में ब्राह्मण दंपत्ति शिवगुरु नामपुद्रि और विशिष्‍टा देवी के घर में भोलेनाथ

Read More...