भोला के 40 रूपये
भोला अपनी बहन के साथ गांव में मिट्टी के मटके बनाने का काम करता था ।भोला 12 साल का था
भोला अपनी बहन के साथ गांव में मिट्टी के मटके बनाने का काम करता था ।भोला 12 साल का था
भक्त भगवान को भजते हुए नाम जप कीर्तन करते हुए देखता है कि भाव की गहराई नहीं बन रही है
संतो की कृपा जिस पर हो जाए उसे फिर क्या नहीं मिल सकता,.अकबर जैसे बादशाह पर कृपा हुई तो उसे
. जहाँ जीवन में उतरी हुई कोई चीज होती है, वहाँ वह चीज तत्काल समझ में आ जाती है।
प्रेम किया है पण्डित , संग कैसे छोड़ दूँगी ? जितनी बार भी पढ़ो ,, वही आनंद मिलता है। “पण्डितराज”.सत्रहवीं
. भगवान् का भजन गुप्त रखना चाहिये। इससे भजन करनेवाले को बड़ा लाभ होता है, इस पर एक दृष्टान्त
हरि ॐ तत्सत संतों को परम् हंस माना गया है।क्योंकिये अपने शरीर को तपाकर इस संसार रूपी भवसागर को मथकर
एक साधु को एक नाविक रोज इस पार से उस पार ले जाता था, बदले मैं कुछ नहीं लेता था,
इस कथा में गृहस्थ जीवन में अध्यात्मवाद को दर्शाता है। घर में कठोर मेहनत प्रेम का प्रतीक है। जिस घर
विज्ञान की जड़े हिला दी थी, इस संत ने.. “प्रह्लाद जानी” वो इंसान जिसने 76 सालो से जीवन मे कुछ