भगवान को धन्यावाद
एक दीपक प्रज्वलित करके भगवान् को अन्तर मन से धन्यवाद करे कि हे भगवान् तुमने मुझे बना कर पृथ्वी पर
एक दीपक प्रज्वलित करके भगवान् को अन्तर मन से धन्यवाद करे कि हे भगवान् तुमने मुझे बना कर पृथ्वी पर
. बाह्य पूजा को कई गुना अधिक फलदायी बनाने के लिए शास्त्रों में एक उपाय बतलाया गया है, वह
नरसी महेता का जन्म सौराष्ट्र के तलाजा नामक गांव के वडनगरा नागर घराने में हुआ था। लेकिन बाद में वह
दोनों आंखों को बंद कर लेने से हमारी अस्सी प्रतिशत ऊर्जा क्षीण होने से रुक जाती है,आंखों को धीरे से
आप घर का वातावरण ऐसा बनाइएं, जिसमें सफाई का वातावरण, मितव्ययता का वातावरण, शिष्टाचार का वातावरण,शालीनता का वातावरण भी सम्मिलित
परमात्मा ह्दय के भाव और प्रेम में छुपा हुआ है। आज हम पुजा भी करते हैं तो दिखा कर करते
आनंद एक ऐसा परिस्थिति हैं जो अपने आप विशाल रूप ले लेता है। संसार में यदि एक व्यक्ति की सोच
संसार की कोई भी वस्तु इतनी कीमती नहीं,जितना कीमती वो परमात्मा है।हम चाहे संसार की कितनी कीमती चीज मांग लेपर
कितना सुंदर भाव है प्रेम ॥संसार में प्रेम को सर्वाधिक मधुर भावना माना जाता है ॥ जबकी संसार जिस प्रेम
साधक रोटी बना रहा है। रोटी को पुरी फुली हुई देखता है तो रोटी के अन्दर उसे लगता है कि