
व्रज के भक्त
श्री गौरदास बाबा जी
.नंदग्राम के पावन सरोवर के तीर पर श्री सनातन गोस्वामीपाद की भजन-कुटी में श्री गौरदास बाबा जी भजन करते थे।.वे
.नंदग्राम के पावन सरोवर के तीर पर श्री सनातन गोस्वामीपाद की भजन-कुटी में श्री गौरदास बाबा जी भजन करते थे।.वे
भगवान श्री कृष्ण कि दो पत्नियाँ बताई गई है – एक तो श्री देवी और दूसरी भू देवी, जब भगवान
श्री कृष्ण कृपा करोजीवन बने महानमैं पतित पावन बनूँमेरा कोटि कोटि प्रणामप्रातः समय उठ नींद सेप्रथम धरूँ तेरा ध्यानफिर दिन
हमारे पास देखनेके लिये जो नेत्र हैं, वे जड़ संसारका अंग होनेसे संसारको ही देखते हैं, संसारसे अतीत चिन्मय भगवान्को
वृन्दावन का एक भक्त ठाकुर जी को बहुत प्रेम करता था, भाव विभोर हो कर नित्य प्रतिदिन उनका श्रृंगार करता
सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था। वह मेघनाथ जो अब तक अविजित था। जिसकी भुजाओं के
महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम
श्री राधा रमण लाल जू का चमत्कार वृंदावन मे बिहार से एक परिवार आकर रहने लगा.. राजू वृंदावन मे रिक्शा
हे श्यामसुंदर ! हे गोपेश ! हम तुम्हारी अशुल्क दासी हैं। तुम्हारे बिना हमारा कोई मोल नही है , कोई
यशोदा माँ के होइ लाल बधाई सारे भक्ता ने, बधाई सारे भगता ने बधाई सारे भक्ता ने,बाजो रे बाजो देखो