भगवान (Bhagvan)

भगवान देख रहा

हे परमात्मा जी मै कहती। भगवान् देख रहा है। मै जब भीघर में कार्य करती मेरा अन्तर्मन पुकारता भगवान् देखरहा

Read More...

हे हिम हेम किरीट शुभ्र शिव,

हे हिम हेम किरीट शुभ्र शिव,वर निर्झर त्रिपुरारी।कर पन्नग,पन्नग ग्रीवा,सिरवर्द्धमान शशि धारी।। मस्तक मध्य त्रिलोचन शोभित,उर शोभित रघुनायक।वक्ष मुण्ड,कर शूल

Read More...

रामनवमी के नौ राम,

रामनवमी के नौ राम, परमात्मा से राजा, पुत्र से पिता और पति तक भगवान राम के नौ रुप जो सिखाते

Read More...

“लीलामय का रुदन-नाट्य”

                            माता यशोदा वात्सल्य प्रेम की साकार मूर्ति हैं। परब्रह्म परमात्मा श्रीकृष्णचन्द्र की नित्यलीला में वे नित्य माता है।

Read More...