
शिव और सती
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम
उ०- शरीर से आत्मा के वियोग होने को मृत्यु कहते है।प्र०- क्या आत्मा अपनी इच्छा से दूसरे शरीर मे प्रवेश
शिव महामन्त्र ॐ नम: शिवाय,ॐ नम: शिवाय, हरहर बोले नम: शिवाय।रामेश्वराय शिव रामेश्वराय,हरहर बोले नम: शिवाय।गंगाधराय शिव गंगाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।जटाधराय शिव जटाधराय,हरहर बोले नम: शिवाय।सोमेश्वराय शिव
.श्रीराम का वनवास ख़त्म हो चुका था..एक बार श्रीराम ब्राम्हणों को भोजन करा रहे थे तभी भगवान शिव ब्राम्हण वेश
तीन ओर से घिरी सीमावर्ती पुंछ घाटी के उत्तरी भाग में पुंछ कस्बे से 23 किमी की दूरी पर स्थित
-यदि हम निर्मल शब्द की व्याख्या करते हैं तो इसका अर्थ है निर्मल बिना मल का।निर्माल्य का अर्थ है मानव
1-निर्माल्य संस्कृत शब्द है। देवता को चढ़ाये गये, देवता को धारण कराये गये पुष्प, पुष्पमाला,नैवेद्य इत्यादि को देवता के विसर्जन,
यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले में राजिम नगर में स्थित है। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है।
काशी के 84 घाटों में चर्चित एक घाट का नाम है मणिकर्णिका। इस घाट के बारे में कहा जाता है
*ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगम्**निर्मलभासित शोभित लिंगम्।**जन्मज दुःख विनाशक लिंगम्**तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥1॥* *देवमुनि प्रवरार्चित लिंगम्**कामदहन करुणाकर लिंगम्।**रावणदर्प विनाशन लिंगम्**तत्