त्रिलोकपती कृष्ण के नैन विशाल जगे।।
जदुकुल के भाल किरीट मनी ब्रज व्योम के भानु सुलाल जगे।गोकुल के नाथ त्रिलोकपती श्रीकृष्ण के नैन विशाल जगे।।जसुमति उर
जदुकुल के भाल किरीट मनी ब्रज व्योम के भानु सुलाल जगे।गोकुल के नाथ त्रिलोकपती श्रीकृष्ण के नैन विशाल जगे।।जसुमति उर
बांके बिहारी मुझको देना सहाराकही छूट जाये ना दामन तुम्हारातेरे सिवा दिल में समाये न कोईलगन का ये दीपक बुझाये
मैंने राम नाम धन पाया, मेरे जीवन में रस आया।मेरे सतगुरु कृपा कीनी, मुझे नाम की संपत्ति दीनी॥ नाम है
मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी
1. मन मन्दिर में जोत जगालो मईया जी के नाम कीब्रह्मा विष्णु शंकर गाये, महिमा जिसके धाम की, सूरज जैसा
जगदम्बे भवानी माँ दुर्गे, भगतों पे तू ही दया करना, हम तेरी शरण में आए हैं, हमे भव से पार
तेरी अंखिया हैं जादू भरी,बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥ सुनलो मेरे श्याम सलोना,तुमने ही मुझ पर,कर दिया टोना,मेरी
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्यातारक में छवि, प्राणों में स्मृति,पलकों में नीरव पद की गति,लघु उर में पुलकों की
शिव में ध्यान लगाकर शिवमय हो जाऊँ महाकाल की भस्म बनूँ, ओंकार की गूँज हो जाऊँ, सोमनाथ के सागर जैसी,
ये राम का सेवक है ये राम दीवाना है प्रभु राम की महिमा को हनुमान ने जाना है,हर रोम मे