
आपके पैर छुए तो आपको क्या-क्या करना चाहिए।”
किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है
किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है
पिता अपने बेटे के साथ पांचसितारा होटल में प्रोग्राम अटेंड करके कार से वापस जा रहे थे। रास्ते में
बचपन में यह खेल हम सभी ने खेला होगा।और यदि नहीं तो आज ठाकुर जी के साथ सीख लों। बाल
पहले हम यह समझते थे कि हम जल्दी से घर जाए घर की एक एक चीज को चमका कर
( प्रभु के योग्य स्वयं बनें )एक राजा सायंकाल में महल की छत पर टहल रहा था ! अचानक उसकी
एक समय की बात है… गंगा नदी के किनारे पीपल का एक पेड़ था। पहाड़ों से उतरती गंगा पूरे वेग
मेरी यह पोस्ट उन तमाम महिलाओ के लिए है जिन्हें लगता है कि मां बाप के जाने के बाद अब
गौरी अपनी मनपसंद गारमेंट्स की दुकान से कुछ कपडे लेने आई थी तभी एक पुरानी सी पसीने से तरबतर कमीज
जीवन में संग का बहुत बड़ा प्रभाव होता है। किसी व्यक्ति के जीवन को देखकर यह समझा जा सकता है
एक राजा को अपने लिए सेवक की आवश्यकता थी। उसके मंत्री ने दो दिनों के बाद एक योग्य व्यक्ति को