
शरीर भिन्न भिन्न हो सकते हैं उनमें शरीरी एक ही है
सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!
सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!
पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए
सुना है: एक स्कूल में एक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा था। और वह कुछ सवाल पूछ रहा था गणित
ब्रह्माजी बोले :–हे नारद ! जब यह समाचार गुणनिधि को मिला तो उसे अपने भविष्य की चिंता हुई। वह कई
मैं अपने निवास स्थान योगेश भवन से निकलकर नजदीक ही स्थित भंवरताल पार्क की ओर जाने लगा। मेरी वह चाल
एक मक्खी एक हाथी के ऊपर बैठ गयी हाथी को पता न चला मक्खी कब बैठी। मक्खी बहुत भिनभिनाई आवाज
मैंने सुना है, एक सूफी फकीर के आश्रम में प्रविष्ट होने के लिये चार स्त्रियां पहुंचीं। उनकी बड़ी जिद थी,
।। श्री: कृपा ।। पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – सफलता की प्राप्ति के लिए ज्ञान, पुरुषार्थ के अतिरिक्त सही
. बूढी मां और लाचार बाप को बिलखता छोड़कर एक ऋषि तपस्या करने के लिए वन में चले गए !
एक बार निकुंज में श्याम सुंदर जी ने प्रिया जी के लिए निकुंज सजाया माला बनायीं हाथो से बीड़ा पान