आज बच्चे अपने माता-पिता की मेहनत और दर्द पर परदा डालना चाहते हैं

पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा….

छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया…

अब फाइनल इंटरव्यू
कंपनी के डायरेक्टर को लेना था…

और डायरेक्टर को ही तय
करना था कि उस छात्र को नौकरी पर रखा जाए या नहीं…

डायरेक्टर ने छात्र का सीवी (curricular vitae) देखा और पाया कि पढ़ाई के साथ- साथ यह छात्र ईसी (extra curricular activities) में भी हमेशा अव्वल रहा…

डायरेक्टर- “क्या तुम्हें पढ़ाई के दौरान
कभी छात्रवृत्ति (scholarship) मिली…?”

छात्र- “जी नहीं…”

डायरेक्टर- “इसका मतलब स्कूल-कॉलेज की फीस तुम्हारे पिता अदा करते थे..”

छात्र- “जी हाँ , श्रीमान ।”

डायरेक्टर- “तुम्हारे पिताजी क्या काम करते है?”

छात्र- “जी वो लोगों के कपड़े धोते हैं…”

यह सुनकर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा- “ज़रा अपने हाथ तो दिखाना…”

छात्र के हाथ रेशम की तरह मुलायम और नाज़ुक थे…

डायरेक्टर- “क्या तुमने कभी कपड़े धोने में अपने पिताजी की मदद की…?”

छात्र- “जी नहीं, मेरे पिता हमेशा यही चाहते थे
कि मैं पढ़ाई करूं और ज़्यादा से ज़्यादा किताबें
पढ़ूं…

हां , एक बात और, मेरे पिता बड़ी तेजी से कपड़े धोते हैं…”

डायरेक्टर- “क्या मैं तुम्हें एक काम कह सकता हूं…?”

छात्र- “जी, आदेश कीजिए…”

डायरेक्टर- “आज घर वापस जाने के बाद अपने पिताजी के हाथ धोना…
फिर कल सुबह मुझसे आकर मिलना…”

छात्र यह सुनकर प्रसन्न हो गया…
उसे लगा कि अब नौकरी मिलना तो पक्का है,

तभी तो डायरेक्टर ने कल फिर बुलाया है…

छात्र ने घर आकर खुशी-खुशी अपने पिता को ये सारी बातें बताईं और अपने हाथ दिखाने को कहा…

पिता को थोड़ी हैरानी हुई…
लेकिन फिर भी उसने बेटे
की इच्छा का मान करते हुए अपने दोनों हाथ उसके
हाथों में दे दिए…

छात्र ने पिता के हाथों को धीरे-धीरे धोना शुरू किया। कुछ देर में ही हाथ धोने के साथ ही उसकी आंखों से आंसू भी झर-झर बहने लगे…

पिता के हाथ रेगमाल (emery paper) की तरह सख्त और जगह-जगह से कटे हुए थे…

यहां तक कि जब भी वह कटे के निशानों पर पानी डालता, चुभन का अहसास
पिता के चेहरे पर साफ़ झलक जाता था…।

छात्र को ज़िंदगी में पहली बार एहसास हुआ कि ये
वही हाथ हैं जो रोज़ लोगों के कपड़े धो-धोकर उसके
लिए अच्छे खाने, कपड़ों और स्कूल की फीस का इंतज़ाम करते थे…

पिता के हाथ का हर छाला सबूत था उसके एकेडैमिक कैरियर की एक-एक
कामयाबी का…

पिता के हाथ धोने के बाद छात्र को पता ही नहीं चला कि उसने उस दिन के बचे हुए सारे कपड़े भी एक-एक कर धो डाले…

उसके पिता रोकते ही रह गए , लेकिन छात्र अपनी धुन में कपड़े धोता चला गया…

उस रात बाप- बेटे ने काफ़ी देर तक बातें कीं …

अगली सुबह छात्र फिर नौकरी के लिए कंपनी के डायरेक्टर के ऑफिस में था…

डायरेक्टर का सामना करते हुए छात्र की आंखें गीली थीं…

डायरेक्टर- “हूं , तो फिर कैसा रहा कल घर पर ?
क्या तुम अपना अनुभव मेरे साथ शेयर करना पसंद करोगे….?”

छात्र- ” जी हाँ , श्रीमान कल मैंने जिंदगी का एक वास्तविक अनुभव सीखा…

नंबर एक… मैंने सीखा कि सराहना क्या होती है…
मेरे पिता न होते तो मैं पढ़ाई में इतनी आगे नहीं आ सकता था…

नंबर दो… पिता की मदद करने से मुझे पता चला कि किसी काम को करना कितना सख्त और मुश्किल होता है…

नंबर तीन.. . मैंने रिश्तों की अहमियत पहली बार
इतनी शिद्दत के साथ महसूस की…”

डायरेक्टर- “यही सब है जो मैं अपने मैनेजर में देखना चाहता हूं…

मैं यह नौकरी केवल उसे देना चाहता हूं जो दूसरों की मदद की कद्र करे,
ऐसा व्यक्ति जो काम किए जाने के दौरान दूसरों की तकलीफ भी महसूस करे…

ऐसा शख्स जिसने
सिर्फ पैसे को ही जीवन का ध्येय न बना रखा हो…

मुबारक हो, तुम इस नौकरी के पूरे हक़दार हो…”

आप अपने बच्चों को बड़ा मकान दें, बढ़िया खाना दें,
बड़ा टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर सब कुछ दें…

लेकिन साथ ही अपने बच्चों को यह अनुभव भी हासिल करने दें कि उन्हें पता चले कि घास काटते हुए कैसा लगता है ?

उन्हें भी अपने हाथों से ये काम करने दें…

खाने के बाद कभी बर्तनों को धोने का अनुभव भी अपने साथ घर के सब बच्चों को मिलकर करने दें…

ऐसा इसलिए
नहीं कि आप मेड पर पैसा खर्च नहीं कर सकते,
बल्कि इसलिए कि आप अपने बच्चों से सही प्यार करते हैं…

आप उन्हें समझाते हैं कि पिता कितने भी अमीर
क्यों न हो, एक दिन उनके बाल सफेद होने ही हैं…

सबसे अहम हैं आप के बच्चे किसी काम को करने
की कोशिश की कद्र करना सीखें…

एक दूसरे का हाथ
बंटाते हुए काम करने का जज्ब़ा अपने अंदर
लाएं…

यही है सबसे बड़ी सीख…………..

उक्त कहानी यदि पसंद आई हो तो अपने परिवार में सुनाएँ और अपने बच्चों को सर्वोच्च शिक्षा प्रदान कराये

आँखे बन्द करके जो प्रेम करे वो ‘प्रेमिका’ है।
आँखे खोल के जो प्रेम करे वो ‘दोस्त’ है।
आँखे दिखाके जो प्रेम करे वो ‘पत्नी’ है।
अपनी आँखे बंद होने तक जो प्रेम करे वो ‘माँ’ है।
परन्तु आँखों में प्रेम न जताते हुये भी जो प्रेम करे वो ‘पिता’ है।
दिल से पढ़ो और ग़ौर करो



After completing his studies, a student came to give an interview in the desire of getting a job in a big company.

The student passed the first interview very easily.

now final interview The director of the company had to take…

And only the director decides Had to do whether to hire that student or not…

The director saw the student’s CV (curricular vitae) and found that along with studies, this student was always topper in EC (extracurricular activities) as well…

Director- “Did you during your studies Ever got scholarship…?”

Student- “No…”

Director- “It means your father used to pay school-college fees..”

Student- “Yes, sir.”

Director- “What does your father do?”

Student- “Yes, he washes people’s clothes…”

Hearing this, the director of the company said- “Just show your hands…”

The student’s hands were soft and delicate like silk…

Director- “Have you ever helped your father in washing clothes…?”

Student- “No, that’s what my father always wanted that I study more and more books read…

Yes, one more thing, my father washes clothes very fast…”

Director- “Can I ask you a task…?”

Student- “Yes, order…”

Director- “Washing your dad’s hands after going back home today… Then come and meet me tomorrow morning…”

The student was pleased to hear that… He felt that now it is sure to get a job.

That’s why the director called again yesterday…

The student happily came home and told all these things to his father and asked him to show his hands…

Father was a little surprised. but still he son obeying the will of Handed over…

The student started washing father’s hands slowly. After washing his hands within a short time, tears also started flowing from his eyes.

Father’s hands were hard like emery paper and were cut from place to place.

Even when he pours water on the cut marks, the stinging sensation It was clearly visible on the father’s face.

The student realized for the first time in his life that These are the hands that wash people’s clothes every day. Used to arrange good food, clothes and school fees for them…

Every blister on father’s hand was proof of his academic career of success…

After washing his father’s hands, the student did not realize that he had washed all the remaining clothes of that day one by one.

His father kept stopping him, but the student went on washing clothes in his own tune…

That night father and son talked for a long time…

The next morning the student was again in the company’s director’s office for a job…

The student’s eyes were moist while facing the director…

Director- “Yes, then how was it at home yesterday? Would you like to share your experience with me….?”

Student- “Yes sir yesterday I learned a real life experience…

Number one… I learned what appreciation is… Had it not been for my father, I would not have come this far in studies.

Number two… Helping my father taught me how tough and difficult it is to do any work…

number three.. . I learned the importance of relationships for the first time felt so strongly…”

Director- “That’s all I want to see in my manager…

I only want to give this job to someone who values ​​helping others, A person who also feels the pain of others while doing work…

a person who You have not made only money the goal of life.

Congratulations, you are fully deserving of this job.

You give your children a big house, good food, Give big TV, mobile, computer everything…

But at the same time, let your kids get to experience what it feels like to mow the grass.

Let them also do this work with their own hands…

Let all the children of the house along with you have the experience of washing the utensils after eating…

so because Not that you can’t afford the meds, But because you love your children right…

You explain to them that no matter how rich the father Why not, one day their hair is bound to turn white…

The most important thing is that your children do some work. Learn to appreciate the effort of…

each other’s hand The passion to work while sharing bring…

This is the biggest lesson…………

If you like this story, then tell it in your family and provide the highest education to your children.

The one who loves with closed eyes is a ‘girlfriend’. The one who loves with open eyes is a ‘friend’. The one who loves by showing eyes is a ‘wife’. The one who loves till his eyes are closed is ‘mother’. But the one who loves even without showing love in the eyes is a ‘father’. read by heart and pay attention

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *