अंजुलि भर मोती
पृथ्वी पर तीन ही “रत्न” हैं। “जल”, “अन्न” और “सुभाषित” (मीठी बोली)। मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों, हीरे, मोती, माणिक्य
पृथ्वी पर तीन ही “रत्न” हैं। “जल”, “अन्न” और “सुभाषित” (मीठी बोली)। मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों, हीरे, मोती, माणिक्य
“नागपंचमी” कथा प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। एक दिन पीली
पता नहीं ये सामने वाला सेठ हफ्ते में 3-4 बार अपनी चप्पल कैसे तोड़ लाता है?” मोची बुदबुदाया,नजर सामने की
एक बार पश्चिम बंगाल के श्रीखण्ड नामक स्थान पर भगवान के एक भक्त, श्रीमुकुन्द दास रहते थे। श्रीमुकुन्द दास के
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को वहम हो गया कि वो श्री कृष्ण के सर्व श्रेष्ठ भक्त है,अर्जुन
एक गाँव में भोला केवट रहता था। वह भोला ही था इसी से उसका नाम भोला पड़ गया था। कोई
श्रीनाथजी एक दिन भोर में अपने प्यारे कुम्भना के साथ गाँव के चौपाल पर बैठे थे ,कितना अद्भुत दृश्य है
कृष्ण भगवान का एक बहुत बड़ा भक्त हुआ लेकिन वो बेहद गरीब था। एक दिन उसने अपने शहर के सब
बैजू निहायत ही सीधा और सरल इन्सान.. सवेरे शाम जानवर चराता और बाकी का समय मंदिर की साफ-सफाई में।.पुजारी बाबा
*एक साधु भिक्षा लेने एक घर में गये । उस घर में माई भोजन बना रही थी और पास में