
!! “ब्रजरज” !!
श्री वृंदावन धाम में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज ! श्री सेवादास
श्री वृंदावन धाम में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज ! श्री सेवादास
ठाकुर जी को गर्मी से राहत दिलाने के लिएमंदिरों में तरह-तरह के फूल बंगले बनाने की अनूठीपरम्परा है और इनके
ब्रज में बसंत पंचमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक 40 दिवसीय होली मनाई जाती है, इसलिये कहा भी गया है सारे
कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्गोवर्धन लीला के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा का प्राकट्य किया। नंद-राय जी कन्हैया से बोले-
दक्षिण भारत से किसी समय एक कृष्ण भक्त वैष्णव साधु वृंदावन की यात्रा के लिए आए थे । एक बार
• •पागल मन बोला…” अरे , बिल्कुल मत जाना। बड़ी मायावी नगरी है , एक बार गए तो सही सलामत
क्या इन्हीं को श्रद्धालु कहते हैंक्या यही भाव है ठाकुर जी के प्रतिआजकल वृंदावन में ऐसे ही लोग आ रहे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री वृन्दावन । विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री वृन्दावन ।। जमुना
बाँके बिहारी जी के प्रकट उत्सव बिहार पंचमी की सबको बधाई🌹 संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास वृन्दावन के
परमात्मा या परमात्मा के भेजे गए पार्षद जन्म से ही दिव्य एवं अलौकिक हुआ करते हैं उनकी दिव्यता अलौकिकता आरम्भ