भगवान श्रीकृष्ण का उत्तंक मुनि को अपने विश्वरूप के दर्शन कराना
कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की ऐश्वर्य-लीलाओं के अनेक प्रसंग आते हैं, जिनमें भक्तों को उनकी ‘भगवत्ता’ का ज्ञान हुआ ।
कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की ऐश्वर्य-लीलाओं के अनेक प्रसंग आते हैं, जिनमें भक्तों को उनकी ‘भगवत्ता’ का ज्ञान हुआ ।
दो बाप बेटे घर में रहते हैं बेटा आस्तिक था और बाप नास्तिक अक्सर दोनों में वाद विवाद होते रहता
जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह
||जय बलदाऊ||मित्रों, सुप्रभातम्_वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम_ मंगलवार, 5 सितंबर, 2023विक्रमी संवत 2080, शक संवत 1945भाद्रपद माह कृष्ण पक्षनक्षत्र: भरणी
ज्ञानवापी मंदिर के बारे मे विस्तृत जानकारी पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा
. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए
शब्द ही किसी मनुष्य के संस्कारों के मुल्यांकन का सबसे प्रभावी और सटीक आधार होते हैं। मनुष्य के केवल शब्द
वैदिक पथिक-गोस्वामी तुलसीदासजी ने एक बड़ीगूढ़ बात कही है – रवि पंचक जाके नहीं, ताहि चतुर्थी नाहिं।तेहि सप्तक घेरे रहे,
एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो
एक बार की बात है एक संत जग्गनाथ पूरी से मथुरा की ओर आ रहे थे उनके पास बड़े सुंदर