
द्वापर युग में हनुमानजी की उपस्थित
महाभारत काल अर्थात द्वापर युग में हनुमानजी की उपस्थित और उनके पराक्रम का वर्णन मिलता है।उन्हीं में से पांच प्रमुख
महाभारत काल अर्थात द्वापर युग में हनुमानजी की उपस्थित और उनके पराक्रम का वर्णन मिलता है।उन्हीं में से पांच प्रमुख
एक असुर था – दम्बोद्भव । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट
शास्त्र कहते है …. कि अठारह दिनों के महाभारत युद्ध में उस समय की पुरुष जनसंख्या का 80%
कृष्ण के आसपास संयोग नहीं घटित होते थे। वे होने नहीं देते थे।रणनीति के महापंडित कृष्ण खूब समझते थे कि
!!! भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में दिया और वह भी तब, जब युद्ध की घोषणा
तमिल शब्द सेंगोल का अर्थ ‘न्याय’ होता है :- सेंगोल का जिक्र महाभारत और रामायण जैसे ग्रन्थों में भी मिलता
पुराण और इतिहास (महाकाव्य इतिहास) पुराण शब्दावली में दंडधारा वैदिक पथिक-✍(शैववाद (शैव दर्शन)शैव धर्म शब्दावली में दंडधारास्रोत :- शोधगंगा: शिव
द्रौपदी महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्रों में से एक है। इस महाकाव्य के अनुसार द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद
।। श्रीहरि: ।। सहस्र कवच नाम का एक असुर था जो भगवान सूर्यदेव का अनन्य भक्त था। वैसे उसका असली
श्याम बाबा की कहानी महाभारत काल से संबंधित है। श्याम बाबा(बर्बरीक) भीम और हिडिम्बा के पौत्र थे। उनके पिता का