
☆श्री खाटूश्याम वंदना☆
🌹 जय श्री श्याम जी 🌹 ☆श्री खाटूश्याम वंदना☆ “हाथ जोड़कर विनति करूसुनियो चित्त लगाये,दास आ गयो शरण मेराखियो इसकी

🌹 जय श्री श्याम जी 🌹 ☆श्री खाटूश्याम वंदना☆ “हाथ जोड़कर विनति करूसुनियो चित्त लगाये,दास आ गयो शरण मेराखियो इसकी

हनुमानञ्जनासूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।रामेष्ट: फलगुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।। एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।

जय कामेशि चामुण्डे जय भूतापहारिणि।जय सर्वगते देवि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।। विश्वमूर्ते शुभे शुद्धे विरुपाक्षि त्रिलोचने।भीमरुपे शिवे विद्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

।। ।। ओङ्कारार्णवमध्यगे त्रिपथगे ओङ्कारबीजात्मिकेओङ्कारेण सुखप्रदे शुभकरे ओकारबिन्दुप्रिये।ओङ्कारे जगदम्बिके शशिकले ओङ्कारपीठस्थितेदासोऽहं तव पादपद्मयुगलं वन्देऽखिलाण्डेश्वरि।।१।। ह्रीङ्कारार्णववर्णमध्यनिलये ह्रीङ्कारवर्णात्मिकेह्रीङ्काराब्धिसुचारुचान्द्रकधरे ह्रीङ्कारनादप्रिये।ह्रीङ्कारे त्रिपुरेश्वरी सुचरिते ह्रीङ्कारपीठस्थितेदासोऽहं

उस दिन सबेरे 6 बजे मैं अपने शहर से दूसरे शहर जाने के लिए निकली, मैं रेलवे स्टेशन पहुंची ,

शास्त्र कहते है …. कि अठारह दिनों के महाभारत युद्ध में उस समय की पुरुष जनसंख्या का 80%

मारुती स्तोत्र हनुमानजी का एक सिद्ध मन्त्र है। इस मन्त्र के माध्यम से आप हनुमानजी की आराधना कर सकतें हैं।

शिवपुराण संहिता में कहा है कि सर्वज्ञ शिव ने संपूर्ण देहधारियों के सारे मनोरथों की सिद्धि के लिए इस ‘ॐ

शिवपुराण संहिता में कहा है कि सर्वज्ञ शिव ने संपूर्ण देहधारियों के सारे मनोरथों की सिद्धि के लिए इस ‘ॐ

मम कृत सेतु जो दरसनु करिही।सो बिनु श्रम भवसागर तरिही।। प्रभु श्रीराम कहते हैं, जो मेरे बनाए सेतु का दर्शन