
ऐसो कब करिहो प्रिया-प्रीतम
ऐसो कब करिहो प्रिया-प्रीतमनिशदिन टहल महल चित्त लाऊँ ।सुन्दर सरस स्वरूप माधुरीअनिमिष अचवत नैन सिराऊँ ॥नव-सत नव श्रृंगार मनोहरसुभग अंग
ऐसो कब करिहो प्रिया-प्रीतमनिशदिन टहल महल चित्त लाऊँ ।सुन्दर सरस स्वरूप माधुरीअनिमिष अचवत नैन सिराऊँ ॥नव-सत नव श्रृंगार मनोहरसुभग अंग
आज की अमृत कथा * खाली पीपे
एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।। मनोजवं मारुततुल्यवेगमजितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।वातात्मजं वानरयूथमुख्यंश्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये।। श्रीरामभक्त हनुमानजी साक्षात एवं जाग्रत देव हैं।
“यशोदा मुक्तिगेहिनी”-कठोपनिषद3 भगवान की कृपा शक्ति व श्रम का आश्रय लेकर यशोदा रूपी मुक्ति ने प्रभु को बाँध लिया। बिना
शादी के लिऐ देखने गई मां ने समधन से कहा, सुयश मेरा एकलौता बेटा है, जैसा नाम वैसा गुण ।
एक बार नारद जी ने भगवान से प्रश्न किया कि प्रभु आपके भक्त गरीब क्यों होते हैं?तो भगवान बोले –
. एक घडी आधी घडी आधी में पुनि आध !तुलसी चरचा राम की हरै कोटि अपराध !!1 घड़ी = 24
हरे कृष्ण
मंदिर तो आपने देखे ही होंगे। मंदिरों की छतों पर एक विशेष प्रकार की आकृति बनाई जाती है।
सीता-राम विवाह और राम का राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त में किया गया, फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ न
हे शिव आपको हमारा बारम्बार प्रणाम है बारम्बार प्रणाम हे अजन्मा अनादि सत्त – चित आनंद हे करूणानिधान सच्चिदानंद सर्व