ईश्वर की कृपा प्रेम है
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏 बिना श्रद्धा के विस्वास नही, विस्वास के बिना भक्ति नहीं,भक्ति के बिना प्रेम
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏 बिना श्रद्धा के विस्वास नही, विस्वास के बिना भक्ति नहीं,भक्ति के बिना प्रेम
श्री राम निर्गुण और सगुण मे कोई भेद नहींवह निर्गुण ब्रह्म ही भक्तों के प्रेम के वशीभूत हो कर अधर्मियों
रावण ने कैलाश पर्वत को उठा लिया फिर धनुष क्यों नहीं उठा पाया और राम ने कैसे धनुष तोड़ दिया
तेरे पावन अहसासों सेपुलकित जीवन सारासांसारिक प्रेम परेपावन प्रीत हमारासमर्पित तूझ पर हीअब जीवन साराअंजुरी में लिये पुष्प प्रेमका खड़ी
समुद्रतट पर एक व्यक्ति चिंतातुर बैठा था, इतने में उधर से विभीषण निकले।.उन्होंने उस चिंतातुर व्यक्ति से पूछाः क्यों भाई
तलवार,धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र मे खड़े हुयेरक्त पिपासू महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुये कई लाख सेना के सम्मुख
आज का प्रभु संकीर्तन।जीवन में सदेव कर्म करते रहना चाहिए। क्योंकि भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है
🌟🔱 पर्व मंथन🔱🌟 आज श्रीमद्भागवत गीता प्राकट्योत्सव है। हिन्दू धर्म के सबसे श्रेष्ठ ग्रन्थ का जन्मोत्सव आज के दिन मनाया
१) रानी कौसल्या ने श्री राम जी को चैत्र शुक्ल नवमी के दिन, पुनर्वसु नक्षत्र में ‘कर्क लग्न’ में बृहस्पति
राधानामपरमसुखदाई मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी,प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी।व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते,कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (१) समस्त मुनिगण आपके चरणों की वंदना करते हैं, आप तीनों