जहाँ चाह, वहाँ राह
जहाँ चाह, वहाँ राह अस्सी वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेशके गोपामऊ नामक गाँवमें एक बालकका जन्म हुआ। उसके हाथ कलाईके पाससे जुड़े
जहाँ चाह, वहाँ राह अस्सी वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेशके गोपामऊ नामक गाँवमें एक बालकका जन्म हुआ। उसके हाथ कलाईके पाससे जुड़े
एक बार महात्मा गांधीके पास एक उद्धत युवा पुरुष आया और उसने उनसे लगातार प्रश्नोंकी झड़ी लगा दी। बहुत-से बेसिर-पैरके
झूठ बोलनेका परिणाम एक चरवाहा किसी वनमें गायें चराया करता था। चरागाहके निकटके वनमें बाघका निवास था। चरवाहा खेल-खेलमें ही
अपराधी कौन ? न्यूयार्कके प्रसिद्ध मेयर ला गार्डियाको, जो अपनी सहृदयता और सुप्रबन्धके लिये बहुत प्रसिद्ध थे, पुलिस मुकदमोंसे बड़ी
माला कैसे फेरें ? पंजाबके राजा रणजीतसिंह बहुत प्रतापी शासक थे। उनके स्वभावकी खास बात यह थी कि वे बुरे
आधे विश्वाससे काम नहीं होता एक ग्वालिन एक पण्डितजीके यहाँ दूध पहुँचाया करती थी। ग्वालिनका घर नदीके उस पार था
परम संत श्रीबाबा वैष्णवदासजी महाराज बड़े ही उच्चकोटिके श्रीरामभक्त संत थे। आपका सारा समय श्रीरामभजनमें व्यतीत होता था। जो भी
एक कारवाँ एक मरुभूमिको पार कर रहा था । रास्तेंमें पानीका सर्वथा अभाव हो गया । अन्तमें थोड़ा सा जल
लगभग चौबीस सौ वर्ष पहलेकी बात है। खुतन देशमें नदीका जल सूख जानेसे घोर अकाल पड़ गया। प्रजा भूखों मरने
‘हारिये न हिम्मत’ पंजाब केसरी महाराजा रणजीतसिंहको जब गुप्तचरोंसे समाचार मिला कि कबाइलियोंका दल राज्यकी सीमामें प्रवेश कर गया है