
आप बड़े डाकू हैं
जिस समय सिकन्दर महान्की सेनाएँ दिग्विजय करती हुई सारे विश्वको मैसीदोनियाके राजसिंहासनके आधिपत्यमें लानेका प्रयत्न कर रही थीं, ठीक उसी
जिस समय सिकन्दर महान्की सेनाएँ दिग्विजय करती हुई सारे विश्वको मैसीदोनियाके राजसिंहासनके आधिपत्यमें लानेका प्रयत्न कर रही थीं, ठीक उसी
कमजोरी बन गयी उसकी ताकत एक पन्द्रह-सोलह सालके लड़केने फैसला किया कि वह जूडो सीखेगा, यह जानते हुए भी कि
कुछ ही दिनों पहलेकी बात है, एक महात्माने हरद्वारमें एक सज्जनको देखकर दीर्घ साँस ली। पूछनेपर उन्होंने बताया कि एक
भारतवासियोंके समान ही अरब भी अतिथिका सम्मान करनेमें अपना गौरव मानते हैं। अतिथिका स्वागत-सत्कार वहाँ कर्तव्य समझा जाता है। अरबलोगोंकी
कृषकका सम्मान हो अमेरिकाके तृतीय राष्ट्रपति ‘टॉमस जैफरसन’ कृषकों एवं श्रमिकोंका बहुत सम्मान करते थे। स्वयं भी सादगीपूर्ण रीतिसे जीवनयापन
मानव-जीवन एक शून्य- बिन्दुके सदृश है। तबतक उसका कुछ भी मूल्य नहीं, जबतक उसके आगे त्याग एवं वैराग्यका कोई अङ्क
ढूँड़ी भूसीकी कथा [ लालचका दण्ड ] एक गाँवमें एक गरीब ब्राह्मण-दम्पती रहते थे। वे भिक्षा माँग करके किसी तरहसे
(3)’तू गधा नहीं शेर है’ एक किसान अपने पके हुए खेतको बहुत-से मजदूरोंसे कटवा रहा था। जब थोड़ा-सा दिन बाकी
बादशाहकी सवारी निकली थी। मार्गके समीप वृक्षके नीचे एक अलमस्त फकीर लेटे थे अपनी मस्तीमें। बादशाह धार्मिक थे, श्रद्धालु थे,
औरंगजेबकी आज्ञासे गुरु तेगबहादुरकी दिल्लीमें नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी गयी। बादशाहको इतनेसे संतोष नहीं हुआ। उसने आज्ञा दी – ‘इस