दो बाते याद रखो
प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष
प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष
भगवान को लगाए जाने वाले भोग की बड़ी महिमा है। इनके लिए ५६ प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिसे
प्रतिदिन सत्य से प्रीति करते रहो तो एक दिन मन के सब दोष, कल्मष, मैल दूर हो जायेंगे मैल दूर
भगवान शिव महादेव, मां काली के चरणों के नीचे भी मुस्कुराते हैं। भगवान शिव क्रोध और उग्रता के प्रतीक हैं
महातीर्थ श्री जगन्नाथ पुरी के समीप एक ग्राम पिपलीचटी था। इसी ग्राम में रघु केवट नाम का मछुवारा रहता था,
अर्जुन ने अपने-आपको श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था| अर्जुन होता हुआ भी, नहीं था, इसलिए कि उसने जो कुछ
स्वतंत्रता-पूर्व की बात है। वाराणसी के एक साधक थे, सुदर्शन जी। माता दुर्गा के परम भक्त। ब्रह्ममुहूर्त का समय था।
पति की दीर्घायु हेतु वट वृक्ष की पूजा” वट सावित्री व्रत का पूजन 19 मई को विधि-विधान से होगा। इस
गणित में कोई भी संख्या 1 से 10 तक के सभी अंकों से नहीं कट सकती, लेकिन इस विचित्र संख्या
पढ़ें गुरु ग्रह के उत्पत्ति की कहानी- पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र अंगिराऋषि का विवाह स्मृति से