
प्रेमका झरना
संत बोनीफेसके जीवनकी एक सरस कथा है। उनका पालन-पोषण देवनके पहाड़ी वातावरणमें हुआ था। बचपनसे ही वे एकान्तमें निवास कर
संत बोनीफेसके जीवनकी एक सरस कथा है। उनका पालन-पोषण देवनके पहाड़ी वातावरणमें हुआ था। बचपनसे ही वे एकान्तमें निवास कर
तू बड़ा बुद्धू है, मोहनदास! गाँधीजी, मोहनदास गाँधी तब कोई तेरह सालके थे। राजकोटके अल्फ्रेड हाईस्कूलमें पढ़ रहे थे। हाईस्कूल
मेरा अपना कुछ नहीं पारसी धर्मगुरु रवि मेहरके तीन पुत्र थे। वे तीनोंके तीनों महामारीकी चपेटमें आ गये और अच्छी
मूल्यहीन सौन्दर्य एक सम्भ्रान्त प्रतीत होनेवाली अतीव सुन्दरीने विमानमें प्रवेश किया और अपनी सीटकी तलाश में नजरें घुमायें। उसने देखा
एक बार लियेन्स नगरके विद्वानोंने एक लेखके लिये पुरस्कारकी घोषणा की। उस समय नेपोलियन युवक थे। पुरस्कार प्रतियोगितामें उन्होंने भी
एक फूँककी दुनिया एक बड़े विरक्त, त्यागी सन्त थे । एक व्यक्ति उनका शिष्य हो गया। वह बहुत पढ़ा-लिखा था
प्रेरणाके लघु दीप (1) महात्मा गाँधीकी सत्यनिष्ठा गाँधीजीसे एक अंग्रेजने पूछा कि ‘विपरीत स्थितिमें विरोधियोंके बीच भी आप सही बात
‘मुझे शरण दीजिये, मैं दुर्भाग्यकी मारी एक दीनहीन अबला हूँ।’ एक स्त्रीने फिलस्तीनके महान् संत मरटिनियनसकी गुफाके सामने जोर-जोर से
अयोध्या नरेश महाराज हरिश्चन्द्रने स्वप्रमें एक ब्राह्मणको अपना राज्य दान कर दिया था। जब वह ब्राह्मण प्रत्यक्ष आकर राज्य माँगने
कलकत्तेमें श्रीलक्ष्मीनारायणजी मुरोदिया नामक एक संतस्वभावके व्यापारी थे। एक बार किन्हीं दो भाइयोंमें सम्पत्तिको लेकर आपसमें झगड़ा हो गया और