रसोपासना

रसोपासना – भाग-42

आज के विचार ( निकुञ्ज में ब्याहुला…) हमारे शास्त्र कहते हैं – देह भी अनेक प्रकार के होते हैं…जो हमें

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रसोपासना – भाग-47

🙏( दूलह दुलहिन की दिव्य झाँकी…) अब चलो सखी ! इन नवल दूलह दुलहिनि को लेकर चलो… रंगदेवी सखी ने

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रसोपासना – भाग-43

ब्याह मण्डप की झाँकी… 🙏”दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री, छबि निरखत नैंन सिरावौ री !! सुख आसन पर पधरावौ री

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रसोपासना – भाग-39

आज के विचार 🙏(“निकुञ्ज” – प्रेम महासागर )🙏 साधकों ! मेरा ये सब लिखने का एक ही उद्देश्य है कि…

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रसोपासना – भाग-50 !!

आज के विचार 🙏( “रसाद्वैत” – दो एकही भये )🙏!! 🙏अब दोनों एक होंगे…अब श्रृंगार रस की बाढ़ में पूरा

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रसोपासना – भाग-34

(तू मेरी “हरिप्रिया” है – गवाक्ष से…) ( साधकों ! मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ… कुटिया में आगया हूँ ) अरी

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रसोपासना – भाग-33 !!

आज के विचार 🙏( प्रेम देश की अटपटी बातें…)🙏!! 🙏आपको पता है !… जिस पीताम्बरी को श्याम सुन्दर ओढ़ते हैं…वो

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