
वात्सल्य
भक्ति के संप्रदाय, प्रार्थना को मूल्य देते हैं, तो तीन शब्द समझ लेना, तो ही वात्सल्य समझ में आयेगा- १-
भक्ति के संप्रदाय, प्रार्थना को मूल्य देते हैं, तो तीन शब्द समझ लेना, तो ही वात्सल्य समझ में आयेगा- १-
नाम में नामी समाया हुआ है। नाम भगवान जितना हृदय में बैठता है नामी हृदय में दस्तक देता है। भगवान
सूतजी बोले- हे मुनियों में उत्तम ब्राह्मणो ! एक अन्य ब्रह्मा का कल्प हुआ जो विश्वरूप नाम का था, वह
नया क्या है यह कथन पठन पाठन सब थोथा है मन के बहलाव, कहो तो मन को अटकाने का साधन
यह सृष्टि अखण्ड है। इसका बोध हो जाना ही ज्ञान है ।मनुष्य भी उसी का अभिन्न अंग है इस भावना
अजन्म सदा जहाँ जन्मलियो,भवसिन्धु परे नहीं जीव बिचारो।चोर बनो जग को रचतावन,रक्षक हूँ जु सँहारन हारो॥निसकर्म सुनों श्रुति सो जिहि
श्रीकृष्णं वन्दे जगत गुरु परमात्मा का अर्थ है आप भगवान राम मे भगवान कृष्ण मे अन्य देवता मे जिसमें भी
नदी किनारे अपने पाँवों को जल में डाले हुए बैठे रहना एक बात। नदी में उतरकर उसके शीतल जल में
प्राण का शाब्दिक अर्थ है “जीवन शक्ति। ” यह वह ऊर्जा है जिसकी हमें सांस लेने, बात करने, चलने, सोचने,
बहुत अच्छे से समझाया गया है ,कृपया अवश्य पढ़िए :— 1. परिपक्वता वह है – जब आप दूसरों को बदलने