
शब्द ब्रह्म के दो स्वरूप हैं
सोशल मीडिया पे सभी उच्च स्तर के ज्ञानी हैं। लेकिन उनकी ऊंची ऊंची बातों से इतर प्रैक्टिकल अनुभव ही यथार्थ
सोशल मीडिया पे सभी उच्च स्तर के ज्ञानी हैं। लेकिन उनकी ऊंची ऊंची बातों से इतर प्रैक्टिकल अनुभव ही यथार्थ
शान्ति का मूल आधार केवल आध्यात्मिक विचार ही है। संसार के त्रिविध तापों और क्लेशों में उलझा मनुष्य अशान्त, व्यग्र,
।। श्रीहरि: ।। ऋग्वेद में लगभग एक हजार सूक्त हैं, यानी लगभग दस हजार मन्त्र हैं। चारों वेदों में करीब
भगवान राम के दर्शन कैसे हो। इस दिल में भी भगवान राम के दर्शन कर पाऊं, यह आत्मा की आवाज
परमात्मा क्या है, कौन है, कहां है ?परमात्मा कोई व्यक्ति नहीं। इसलिए न तो कहा जा सकता है कि कौन
ये समय ऐसा है कि धर्म मे राजनीति का दौर चल रहा है और इस सम्पूर्ण भारत के लिए के
आज्ञा, मूलाधार चक्र और इड़ा पिंगला, सुषुम्ना नाडीआज्ञा चक्र शास्त्र में इसके कमल कि दो पंखुड़ी कहा गया है,सभी चक्र
भारतीय तत्त्व दर्शन में त्याग का स्थान बहुत महत्व का है। त्यागमय जीवन को ही यहां सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
मीरा का मार्ग था प्रेम का, पर कृष्ण और मीरा के बीच अंतर था पाच हजार साल का। फिर यह
पहले एक परमात्मा ही थे, वे ही परमात्मा संसार रूप से प्रकट हो गए एकोऽहं बहुस्याम् और अन्त में सब