माँदुर्गा गायत्री एवं ध्यानमंत्र
यह मंत्र आत्मा की ऊर्जा को शुद्ध करने और माँ दुर्गा के प्रति विश्वास और समर्पण को बढ़ावा देने का
यह मंत्र आत्मा की ऊर्जा को शुद्ध करने और माँ दुर्गा के प्रति विश्वास और समर्पण को बढ़ावा देने का
हिन्दू धर्म में मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा को शक्ति और पापियों का दमन करने वाली देवी के रुप में
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मतां।।१।। रौद्राय नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै
ॐ श्रीपरमात्मने नम: माँ दुर्गाजी की नवीं शक्ति का नाम सिध्दिदात्री है | ये सभी प्रकार की सिध्दियों को देने
नौ दुर्गा का मतलब नौ वर्ष की कन्या की पूजा करना होता है। कन्या पूजन दो वर्ष की कन्या से
मां दुर्गा की सातवी शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है मां कालरात्रि का स्वरुप देखने मे अत्यन्त भयानक
ध्यानम्।चामुण्डा प्रेतगा विकृता चाऽहि भूषणादंष्ट्रालि क्षीणदेहा च गर्ताक्षी कामरूपिणी।दिग्बाहुः क्षामकुक्षि मुशलं चक्रचामरेअङ्कुशं विभ्रती खड्गं दक्श्ःइणे चाथ वामके।। खेटं पाशं धनुर्दण्डं
ॐ अस्या: वैष्ण्व्या: पराया: अजिताया: महाविद्ध्या: वामदेव-ब्रहस्पतमार्कणडेया ॠषयः। गाय्त्रुश्धिगानुश्ठुब्ब्रेहती छंदासी। लक्ष्मी नृसिंहो देवता। ॐ क्लीं श्रीं हृीं बीजं हुं शक्तिः।
लंकायां शांकरीदेवी कामाक्षी कांचिकापुरे।प्रद्युम्ने शृंखलादेवी चामुंडी क्रौंचपट्टणे।।१।। अलंपुरे जोगुलांबा श्रीशैले भ्रमरांबिका।कॊल्हापुरे महालक्ष्मी मुहुर्ये एकवीरा।।२।। उज्जयिन्यां महाकाली पीठिकायां पुरुहूतिका।ओढ्यायां गिरिजादेवी माणिक्या
जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे । जय शुम्भ-निशुम्भ-कपालधरे, प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ।।1।।जय चन्द्रदिवाकर नेत्रधरे, जय पावक