मां कामाख्या के महापर्व अंबुबाची की आप सभी सनातनियों को हार्दिक शुभकामनाएं
ॐ शिवगोरक्ष योगी आदेश ।। पगलु वाणी ।।२२-६-२०२३ 🌹 मां कामाख्या के महापर्व अंबुबाची की आप सभी सनातनियों को हार्दिक
ॐ शिवगोरक्ष योगी आदेश ।। पगलु वाणी ।।२२-६-२०२३ 🌹 मां कामाख्या के महापर्व अंबुबाची की आप सभी सनातनियों को हार्दिक
। हिंदू महाकाव्य के अनुसार, मां वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्नाकर सागर के घर जन्म लिया। उनके
माता शक्ति की उपासना के लिए नवरात्रि के पर्व को बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। देवी पूजन का
भगवान शिव महादेव, मां काली के चरणों के नीचे भी मुस्कुराते हैं। भगवान शिव क्रोध और उग्रता के प्रतीक हैं
स्वतंत्रता-पूर्व की बात है। वाराणसी के एक साधक थे, सुदर्शन जी। माता दुर्गा के परम भक्त। ब्रह्ममुहूर्त का समय था।
आप सभी को सपरिवार चैत्र नवरात्र की हृदयस्त अनंत शुभकामनाएँ.!!🌹🙏🏻
न मत्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः।न जाने मुद्रास्ते तदपि च
ध्यानम्।गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमालामहोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला।विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशीमहाकालकामाकुला कालिकेयम्।।१।। भुजेवामयुग्मे शिरोऽसिं दधानावरं दक्षयुग्मेऽभयं वै तथैव।सुमध्याऽपि तुङ्गस्तना भारनम्रालसद्रक्तसृक्कद्वया सुस्मितास्या।।२।। शवद्वन्द्वकर्णावतंसा सुकेशीलसत्प्रेतपाणिं प्रयुक्तैककाञ्ची।शवाकारमञ्चाधिरूढा शिवाभिश्-चतुर्दिक्षुशब्दायमानाऽभिरेजे।।३।। अथ
जगत का कल्याण करने वाली जगत जननी मां आपको कोटि कोटि प्रणाम। समस्त संसार का लालन पालन करने वाली भगवती
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।।१।। आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।२।। मन्त्रहीनं क्रियाहीनं