किशोरी जू के पावन प्राकट्य उत्सव की आप सभी को मंगल बधाई।
मंगल बधाई शास्त्रों और तत्वज्ञानी महापुरुषों का मत है कि श्रीराधा जी कोई भिन्न नहीं अपितु उन परम ब्रह्म श्रीकृष्ण
मंगल बधाई शास्त्रों और तत्वज्ञानी महापुरुषों का मत है कि श्रीराधा जी कोई भिन्न नहीं अपितु उन परम ब्रह्म श्रीकृष्ण
धार्मिक कथाओं के अनुसार, आज से पांच हजारदो सौ वर्ष पूर्व मथुरा जिले के गोकुल-महावन कस्बेके निकट “रावल गांव” में
कुँवरि किशोरी जनम लियौ सब लोक बजे सहदाने।।कहत नन्द बृषभानराय सौ और बात को जानें।आजु भैया ब्रजवासी हम सब तेरेई
सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रों में
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा कृपा कथा श्रीमती राधा
देवी राधा रचित इस श्रीकृष्ण स्तोत्र का पाठ जो भी प्राणी तीनों कालों में करता है वह कृष्ण की प्रीति
नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।। रासमण्डल में निवास करने वाली हे परमेश्वरि ! आपको नमस्कार है। श्री कृष्ण को
राधे राधे ,,,एक बार निकुंज में स्वामिनी जू के मन इच्छा जाग्रत हुई कि प्रियतम चलो लुका-छिपी खेलेंगे ,खुला मैदान
“सुर रखवारी सुर राज रखवारी,शुक शम्भु रखवारी रवि चन्द्र रखवारी है।”श्री राधा सभी स्वर्गीय देवताओं की रक्षक हैं और वास्तव
किशोरी, मोहि देहु वृन्दावन वास ।कर करवा हरवा गुंजन के, कुंजन माँझ निवास ॥नित्यबिहार निरखि निसि वासर, छिन छिन चित्त