किशोरी जी की कृपा
.बरसाना में श्री रुप गोस्वामी चेतन्य महाप्रभु के छः शिष्यो में से एक । एक बार भ्रमण करते करते अपने
.बरसाना में श्री रुप गोस्वामी चेतन्य महाप्रभु के छः शिष्यो में से एक । एक बार भ्रमण करते करते अपने
श्रीवृषभान नृपति के आंगन,बाजत आज वधाई सो ।।कीरति देरानी सुखसानी सुता,सुलच्छन जाई हो ।।भक्ति सर्ब दासी है जाकी,सियाहूते अधिक सुहाई
एक बार राधा जी सखी से बोलीं–‘सखी ! तुम श्री कृष्ण की प्रसन्नता के लिए किसी देवता की ऐसी पूजा
अब तौ क्या इस छबि पर वारौं,यही सोच उर आवै है ।पल-पल रोम-रोम पर तन मन,कोटिनु तुच्छ दिखावै है ॥कोटि
✨ 🌺।। श्रीराधे ।।🌺 🌺✨सभी को “धन तेरस” पर श्रीराधा नाम धन की प्राप्ति हो श्रीजी के प्रेम रूपी धन
सुबह का समय है। श्रीप्रिया-प्रियतम ने बालभोग आरोग लिया है।.मुख-प्रक्षालन करके श्रीप्रिया-प्रियतम ने ताम्बूल पा लिया है।.इसी समय श्री ललिता
बरसाने में एक संत किशोरी जी का बहुत भजन करते थे और रोज ऊपर दर्शन करने जाते राधा रानी के
जैसो नहिं कहुँ सुन्योँ न देख्योँ, हौं कह भुजहिं उठाय ।।जाकी नख-मणि चंद्र-चंद्रिकहिं, शंभु समाधिहिं ध्याय ।ताके संग रैन दिन
एक सखी बहुत सुंदर पायल लेकर स्वामिनी जू की सेवा में जाती है। मन में यही भाव आहा ! आज
श्री राधा जहा पर किशोरी कुण्ड है उमराओ का अर्थ है किसी राज्य का अधिपति एक बार श्याम सुंदर जी