शिव स्तुति
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः।कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।। ॐ नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः।नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः।कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।। ॐ नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः।नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो
भोलेनाथ – परम वैष्णव शिव यानि मंगल या कल्याणकारी, वे शंकर, शम्भू, महादेव, महेश रूद्र आदि नामों से भी पुकारे
हरतालिका तीज ।।सभी माताओं एवं बहनों कोपावन व्रत हरतालिका तीज कीहार्दिक शुभकामनाएं……….! सुहागिनों के सबसे बड़े पर्व में से एक
ज्ञानवापी मंदिर के बारे मे विस्तृत जानकारी पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा
(शिव महापुराण)
‘शंकर: पुरुषा: सर्वेस्त्रिय: सर्वा महेश्वरी।’ अर्थात्- समस्त पुरुष भगवान सदाशिव के अंश और समस्त स्त्रियां भगवती शिवा की अंशभूता हैं,
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।। वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
(हिंदी काव्य में भाव के साथ करें बहुत ही आनंद दायक और प्रभावी है।) जय शिव शंकर, जय गंगाधर, करुणाकर
शम्भो शङ्कर शान्त शाश्वत शिव स्थाणो भवोमापतेभूतेश त्रिपुरान्तक त्रिनयन श्रीकण्ठ कालान्तक।शर्वोग्राभय भर्ग भीम जगतां नाथाक्षय श्रीनिधेरुद्रेशान महेश्वरेश्वर महायोगीशतुभ्यं नमः।।१।। स्वामिन्
जय महाकाल हर हर महादेव जय भोले नाथ नमः शिवाय|| राम ||विभत्स हूँ .. विभोर हूँ … मैं ज़िंदगी में
“शिवत्व” अर्थात लोक मंगल की वह उच्च मनोदशा जिसमें स्वयं अनेक कष्टों को सहकर भी दूसरों के कष्टों को मिटाने