भक्ति मार्ग (Bhakti Marg)

भक्तराज हनुमान

हनुमानजी के जीवन में यह विशेषता है कि जो इनके सम्पर्क में आया, उसे इन्होने किसी-न-किसी प्रकार भगवान् की ‘सन्निधि

Read More...

सखियों के श्याम (भाग 2)

श्रीहरिः (ब्रह्म बिकानो प्रेमकी हाट) ‘ऐ इला! सुन तो।’ — धीमे स्वरमें श्यामसुंदरने कहा। उनकी बात सुन मैं समीप गयी,

Read More...

“braj वृंदावन की महिमा”

वृन्दावन ब्रज का हृदय है जहाँ प्रियाप्रियतम ने अपनी दिव्य लीलायें की हैं। इस दिव्य भूमि की महिमा बड़े बड़े

Read More...

“गोपी के नयन”

एक बार श्यामसुन्दर अपना श्रृंगार कर रहे थे। तभी श्यामसुन्दर ने कुछ सोचकर नन्द गाँव की गोपियों को बुलाया और

Read More...