पर प्रेम स्थायी रहेगा
नंगे पैर सुदबुध खोए तीनो लोको के स्वामी दौड़े चले जा रहे थे, पीछे पीछे रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा,
नंगे पैर सुदबुध खोए तीनो लोको के स्वामी दौड़े चले जा रहे थे, पीछे पीछे रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा,
विशिष्ट जी करते हैं – –हे राम जो पुरुष प्रिय और अप्रिय को सुनकर ¡स्पर्श कर ¡देख कर ¡खाकर और
अक्सर तर्कवान अपनी बात को इस प्रकार रखते है। की जिंदगी भर आस्था रखने वाले की बुद्धि भी धोखा खा
सर्वप्रथम मिट्टी से निर्मित समस्त शरीरों को उनमें स्थित गुणों अवगुणों के आधार पर मनुष्यों ने उन सबका नामकरण किया!
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है?Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है जो जन्म और मरण के बन्धन
हरि कृपा…. भगवत पथ कृपा स्वरूप है, कृपा, सहज कृपा, अकारण कृपा, नित्य कृपा, अहैतुकी कृपा , केवल कृपा।कलुषित चित्त
प्रेम सिर्फ अपने काम और ईश्वर से करों, क्योंकि ये दोनों कभी धोखा नहीं देते। जीवन में हारता वो है
।। श्रीहरि: ।। आहुः शरीरं रथमिन्द्रियाणिहयानभीषून् मन इन्द्रियेशम्।वर्त्मानि मात्रा धिषणां च सूतंसत्त्वं बृहद् बन्धुरमीश सृष्टम्।। अक्षं दश प्राणमधर्म धर्मौचक्रेऽभिमानं रथिनं
गतांक से आगे – श्रीवृन्दावन में पहुँच कर रात्रि में यमुना तट पर गौरा ने विश्राम किया था…यमुना जल और
गतांक से आगे – कलकत्ता रेल मार्ग से मथुरा पहुँचीं थीं गौरा ….कलकत्ता और नवद्वीप के शताधिक भक्त थे …उनके