पंचाध्यायी–महारासलीला पोस्ट – 01
. रासलीला का आरम्भ शरद् ऋतु थी। उसके कारण बेला, चमेली आदि सुगन्धित पुष्प खिलकर महक रहे थे। भगवान ने
. रासलीला का आरम्भ शरद् ऋतु थी। उसके कारण बेला, चमेली आदि सुगन्धित पुष्प खिलकर महक रहे थे। भगवान ने
कार्तिक का महीना 9अक्टूबर से 8नवंबर तक है ।इसे दामोदर मास भी कहते हैइसी महीने मे यशोदा मैया ने भगवान
. दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी किरणें होती हैं। इनमें विशेष रस होते हैं।
शुभ्र पूर्णिमा की शुभ्र चँद्ररजनी थी चँद्रअमृत भरी ! उतरी शुभ्र चँद्रकमल से थी जैसे कोई शुभ्र चँद्रपरी!! जब नीलम
हमारा पति सिर्फ परमात्मा हैजिसे स्वयं हमने भूला दिया हैविधवायें बन हम सब रह रहीजीवन अपना बर्बाद किया हैहमारे दिल
स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी अपने पति की मृत्यु के बाद भिक्षा
भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत पुण्य कमाने के द्वार खोल देता है, इसमें महादेव के सभी भक्तों की असीम
कुछ वैष्णव दिनांक 06 अक्टूबर एकादशी से 35 दिन पूर्णिमा तक का कार्तिक नियम व्रत लेंगे और कुछ वैष्णव 09
पापांकुशा एकादशी महत्व और पूजन विधि गुरुवार के दिन पापांकुशा एकादशी है। हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही
नीलकंठ तुम नीले रहियो,दूध-भात का भोजन करियो,हमरी बात राम से कहियो’,इस लोकोक्ति के अनुसार नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि