कर्तव्य धर्म
एक ऋषि तपस्या करने के लिए वन में चले गए| तप करने के बाद जब ऋषि उठे तो देखा कि
एक ऋषि तपस्या करने के लिए वन में चले गए| तप करने के बाद जब ऋषि उठे तो देखा कि
यदि कोई यह कहता है कि उसने अपने जीवन में कभी कोई गलती नहीं की, तो इसका मतलब हुआ कि
मनुष जन्म दुर्लभ है,मिले न बारम्बार।तरुवर से पत्ता टूट गिरे,बहुर न लगता डार। श्रेष्ठ लक्ष्य – वैदिक पथिक लक्ष्य निर्धारण
कथनी और करनी में अंतर का अर्थ होता है जब व्यक्ति कहता कुछ और है लेकिन वास्तविक जीवन में कर्म
*कल दोपहर मैं बैंक में गया था! वहाँ एक बुजुर्ग भी अपने काम से आये थे! वहाँ वह कुछ ढूंढ
हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपनी अन्तरात्मा का पूर्ण रूप से सम्मान करना सीखना होगा । हमें
एक समय मोची का काम करने वाले व्यक्ति को रात में भगवान ने सपना दिया और कहा कि कल सुबह
सेठ घनश्याम के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था और एक चार बेड रूम के
चार मिले चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़!प्रेमी सज्जन दो मिले, खिल गए सात करोड़!! मुझसे एक बुजुर्गवार ने इस
आज हम भौतिक सुख को जीवन की सच्चाई समझ बैठे हैं। आज हर व्यक्ति विशेष बहुत सुखदायी जीवन जीने के