परोपकार और सचाईका फल
दोब्रीवेकी पढ़ाई समाप्त हो गयी। उसका जन्मदिवस आया जन्म दिनके उपलक्ष्यमें उसके यहाँ बहुत कीमती सौगातका ढेर लग गया। उसके
दोब्रीवेकी पढ़ाई समाप्त हो गयी। उसका जन्मदिवस आया जन्म दिनके उपलक्ष्यमें उसके यहाँ बहुत कीमती सौगातका ढेर लग गया। उसके
एक संत एक बार अपने एक अनुयायीके समीप बैठे थे। अचानक एक दुष्ट मनुष्य वहाँ आया और वह उस व्यक्तिको
4 ] क्षणिक सुखकी तृष्णा विनाशका कारण बनती है एक दूकानमें मधुका बर्तन उलटकर गिर गया था। इससे चारों ओर
घटना मिश्र देशकी है। वहाँके एक भगवद्भक्त गृहस्थकी झोपड़ी वनके समीप थी। उसके घरमें उसकी पत्नीके अतिरिक्त तीन प्राणी और
मध्यकालीन यूरोपकी कथा है। अपने सेनापतिकी वीरतासे एक राजाने युद्धमें विजय प्राप्त की। उसने राजधानीमें सेनापतिका धूमधामसे स्वागत करनेका विचार
बाशीं नगरमें जोगा परमानन्द नामक प्रसिद्ध हरिभक्त नित्य पूजाके बाद गीताका एक-एक श्लोक कहकर पंढरिको 700 बार साष्टाङ्ग नमस्कार करता
इन श्रीकल्याणजीका पहला नाम था – अम्बादास । छोटी उम्रमें ही इनका गुरु श्रीसंत रामदासजीसे सम्बन्ध हो गया था। गुरुजीने
संसारमें जब पापका प्राबल्य हो जाता है-अनेक बार हो जाता है; किंतु अनेक बार ऐसा होता है कि पाप पुण्यके
सोमं सुत्वात्र संसारं सारं कुर्वीत तत्त्ववित् । यथाऽऽसीत् सुत्वचा पाला दत्वेन्द्राय मुखच्युतम् ll (नीतिमञ्जरी 130) महर्षि अत्रिका आश्रम उनकी तपस्याका
14] कुसंगका फल प्रतिदिन कुछ बगुले आकर एक किसानके खेतकी फसल बरबाद कर जाया करते थे। इसे देखकर किसानने उन