
भगवान श्री कृष्ण जी ने छोटी उंगली पर ही क्यों गोवर्धन पर्वत उठाया?
!! जय श्री कृष्णा राधे राधे!! “छोटा बने सो हरि पावै”भगवान श्री कृष्ण जी ने छोटी उंगली पर ही क्यों
!! जय श्री कृष्णा राधे राधे!! “छोटा बने सो हरि पावै”भगवान श्री कृष्ण जी ने छोटी उंगली पर ही क्यों
रामशरण जी और दयाशंकर बचपन के दोस्त थे। कृष्ण सुदामा जैसी दोस्ती थी उनकी।रामशरण जी बहुत बड़े जमींदार,कई कारखाने,जमीन के
वृंदावन की गली में एक छोटा सा मगर साफ़ सुथरा,सजा संवरा घर था। एक गोपी माखन निकाल रही है और
एक भक्त इमली के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान् का भजन कर रहा था। एक दिन वहाँ नारद जी महाराज
किसी गांव में मक्खन बेचने वाला एक व्यापारी मक्खन लाल रहता था। वह स्वभाव से बहुत कंजूस था लेकिन जो
अनेकों तरह से अनेक सम्पत्तियों की खोज में बाहर भटका। बाहरी खोज से उसे तृप्ति नहीं मिली । फिर स्वयं
स्वंयभू का मतलब होता है स्वंय से प्रकट हमारे श्री राधारमण देव जु स्वंय से प्रकट है इसलिये ये किसी
राधाजी और श्रीकृष्ण का प्रेम अलौकिक था। राधा कृष्ण के प्रेम को सांसारिक दृष्टि से देखेंगे तो समझ ही नहीं
बाहर बारिश हो रही थी और अन्दर क्लास चल रही थी, तभी टीचर ने बच्चों से पूछा कि अगर तुम
जब महर्षि वेदव्यास महाभारत लिखने के लिए बैठे, तो उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो उनके मुख से